भुवनेश्वर। बारिश के बीच खेले गए पिछले मैच में ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना से मिली हार का गम भुलाते हुए भारतीय हॉकी टीम रविवार को हॉकी विश्व लीग फाइनल में जर्मनी के खिलाफ कांस्य पदक के मुकाबले में उतरेगी तो उसका इरादा पिछली बार के प्रदर्शन को दोहराते हुए पोडियम फिनिश करने का होगा।
रायपुर में पिछले हॉकी विश्व लीग फाइनल में भारत ने कांस्य पदक ही हासिल किया था, लेकिन इस बार क्वार्टर फाइनल में विश्व की तीसरे नंबर की टीम बेल्जियम को सडन डेथ में हराकर मेजबान ने पदक का रंग बेहतर करने की उम्मीद जताई थी, लेकिन शुक्रवार को अर्जेंटीना ने सेमीफाइनल मुकाबला एक गोल से जीतकर उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
हालांकि कांस्य पदक के लिए भी भारत की राह आसान नहीं रहने वाली है, क्योंकि पूल मैच में 2008 और 2012 की चैंपियन जर्मनी ने भारतीय टीम को 2-0 से शिकस्त दी थी। भारतीय टीम के लिए यह राहत की बात है कि जर्मनी के मुख्य खिलाड़ियों के चोट और बीमारी के चलते मैदान पर उतरने की उम्मीद कम ही है।
'हमें अर्जेंटीना से मिली हार से बाहर निकलना चाहिए। हम ज्यादा देर तक इसे जेहन में बनाए नहीं रख सकते। हमें हार के बाद के हालात से भी निपटना आना चाहिए। अब हमारा ध्यान जर्मनी के खिलाफ मैच पर लगा है। मैंने खिलाड़ियों से कहा कि हम कांस्य पदक जीत सकते हैं।' - शोर्ड मारिन, कोच, भारतीय हॉकी टीम।
खिताबी भिड़ंत में ऑस्ट्रेलिया का सामना अर्जेंटीना से -
मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया ने शनिवार को खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में जर्मनी को 3-0 से हराकर फाइनल में जगह बनाई जहां उसका सामना अर्जेंटीना से होगा। ऑस्ट्रेलिया के लिए डायलन वोथरस्पून (42वां मिनट), जेर्मी हेवार्ड (48वां मिनट) और टॉम विकहैम (60वां मिनट) ने क्रमशः एक-एक गोल दागे।
इससे पहले ओलिंपिक रजत पदक विजेता बेल्जियम ने स्पेन को 1-0 से हराकर आठ देशों वाले इस टूर्नामेंट में पांचवां स्थान हासिल किया। सेबेस्टियन डोकिएर (चौथा मिनट) ने बेल्जियम के लिए एकमात्र गोल दागा।
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