Thursday, 22nd May 2025

गुजरात में 7 चुनाव में 2 बार वोटिंग घटी, दोनों बार बीजेपी को सीटोें का नुकसान तो कांग्रेस को फायदा

Sun, Dec 10, 2017 7:43 PM

अहमदाबाद.गुजरात में शनिवार को पहले फेज में 19 जिलों की 89 सीटों पर करीब 68% वोटिंग हुई। इस बार 2012 के विधानसभा चुनाव से करीब 3% कम वोटिंग हुई। 2012 में पहले फेज में 19 में से 15 जिलों में वोटिंग हुई थी। इन 15 जिलों में 72.37% वोट पड़े थे। इस बार चार नए जिलों में भी वोटिंग हुई है। 2012 चुनाव में 182 सीटों पर कुल 71.30% वोटिंग हुई थी। सबसे ज्यादा 75% वोटिंग नवसारी और मोरबी जिले में हुई। सबसे कम 60% वोटिंग बोटाद और पोरबंदर में हुई। राज्य में पिछले 7 विधानसभा चुनावों में से 2 बार वोटिंग कम होने पर बीजेपी को नुकसान हुआ। 2012 के चुनाव को छोड़कर हर बार वोटिंग बढ़ने पर बीजेपी को फायदा हुआ है। पहले फेज में 977 कैंडिडेट्स हैं। पिछले चुनाव में इन 89 में से 63 सीटें बीजेपी ने जीतीं थीं। 22 कांग्रेस और 4 सीटें अन्य को मिलीं थीं।

 

वोटिंग प्रतिशत बढ़ने पर बीजेपी की सीटें बढ़ीं

- गुजरात में 22 साल से बीजेपी सत्ता में है। इसके बावजूद, वोटिंग प्रतिशत बढ़ने पर उसे हर बार फायदा और कम होने पर थोड़ा-बहुत नुकसान हुआ है।

- गुजरात के पिछले 7 विधानसभा चुनावों का आकलन करें तो 2012 को छोड़कर हर चुनाव में वोटिंग प्रतिशत बढ़ने पर बीजेपी को फायदा ही हुआ है। उसकी सीटें वोटिंग प्रतिशत बढ़ने पर और बढ़ी हैं।

- 2012 के विधानसभा चुनाव में 2007 से करीब 12% ज्यादा वोटिंग हुई थी। हालांकि तब बीजेपी को 2007 से 2 सीट कम मिली। 2012 में बीजेपी को 182 सीट में से 115 सीटी मिली थीं। 2007 में उसे 117 सीट मिली थीं।

- वहीं, यदि 2012 चुनाव को छोड़ दिया जाए तो 22 साल में जब वोटिंग प्रतिशत कम हुआ, कांग्रेस को फायदा हुआ है। 1995 में 64.39% वोटिंग होने पर कांग्रेस को 45 और 1998 में 59.30% वोटिंग होने पर 53 सीटें मिली थीं।

2 जिलों में पिछली बार से 8-10% कम वोटिंग

- 2012 में जिन जिलों में 80% से ज्यादा वोटिंग हुई थी, वहां इस बार 8 से 10% कम वोटिंग हुई है।

- 2012 में नर्मदा जिले में 83.27% वोटिंग हुई थी। इस बार यहां 10% कम वोटिंग हुई है। तापी में 81.36% हुई थी। इस बार यहां करीब 8% कम वोटिंग हुई है।
- 2012 में सबसे कम 64% वोटिंग नवसारी में हुई थी। इस बार यहां सबसे ज्यादा 75% वोटिंग हुई है।
- पहले फेज के 19 जिलों में सबसे कम वोटिंग प्रतिशत पोरबंदर में (60%) रहा। यह पिछले चुनाव से 6% कम रहा।
- 2017 में 19 में से 10 जिले में 70 प्लस वोटिंग हुई है। 2012 के चुनाव में 15 में से 7 जिले में 70% से ज्यादा वोटिंग हुई थी। 
- सूरत, राजकोट, जामनगर, भावनगर, अमरेली, तापी, वलसाड़ में 2012 के विधानसभा चुनाव से कम वोटिंग हुई है।

बीजेपी गुजरात में चुनाव जीत रही है : जेटली

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि बीजेपी गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले फेज में जिस तरह से वोटिंग हुई, उससे संतुष्ट हैं। पार्टी भारी जीत की ओर बढ़ रही है।

कांग्रेस का दावा: लोग बीजेपी के शासन से छुटकारा चाहते हैं

कांग्रेस ने दावा है कि गुजरात के लोग बीजेपी के 22 वर्षों के शासन से अब छुटकारा पाना चाहते हैं और विधानसभा चुनाव में वे बदलाव के लिए वोटिंग कर रहे हैं।

- कांग्रेस के स्पोक्सपर्सन राजीव शुक्ला ने कहा कि राज्य के लोग यहां की समस्याओं का समाधान नहीं होने के कारण शासन में बदलाव चाहते हैं और उम्मीद है कि इसका फायदा कांग्रेस पार्टी को मिलेगा।

ऊना में 2 बूथों पर चुनाव कर्मचारियों ने 118 वोटरों को दोबारा वोट के लिए खोजा, पर 105 ही मिले

गुजरात के ऊना में शनिवार को अजीब वाकया हुआ। बंदाणा गांव में मॉक पोलिंग के 50 वोट के अलावा 118 वोटर मतदान कर चुके थे। तभी चुनाव कर्मचारियों को अपनी गलती का एहसास हुआ कि उन्होंने मॉक पोलिंग की वोटिंग निरस्त ही नहीं की। इसके बाद उन्होंने ईवीएम व वीवीपैट की पूरी यूनिट को बदला। फिर वह उन 118 मतदाताओं को खोजने के लिए बंधाणा और गांगडा गांव गए, लेकिन 105 ने ही दोबारा मतदान किया।

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