भोपाल। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज समेत प्रदेश के सभी छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 20 से 30 फीसदी तक डॉक्टरों की कमी है। यह कमी दूर करने आदर्श भर्ती नियम में आ रही अड़चनों को दूर करने प्रस्ताव बना लिया है। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू कर देंगे।
यह जानकारी शुक्रवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) राधेश्याम जुलानिया ने दी। वे हमीदिया अस्पताल के निरीक्षण के दौरान डॉक्टरों की कमी को लेकर मीडिया से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने जीएमसी में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर विभाग प्रमुखों की बैठक भी ली।
गौरतलब है कि चिकित्सा विभाग ने मेडिकल कॉलेजों डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए आदर्श भर्ती नियमावली तैयार की है, कुछ अड़चनों के कारण भर्ती अटकी हुई है। इसके चलते अस्पतालों में मरीजों को समय पर बेहतर इलाज नहीं मिल रहा है।
सुविधाओं की कमी के कारण कई बार अस्पतालों में अप्रिय स्थिति भी बन जाती है। हमीदिया में परिजन और डॉक्टरों के बीच मारपीट तक की घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं की वजह एसीएस भी सुविधाओं और डॉक्टरों की कमी को मानते हैं। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द प्रस्ताव की अड़चनों को दूर कर शासन से मंजूरी ली जाएगी और उसके बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू कर देंगे।
7 नए कॉलेजों को होगा फायदा
प्रदेश में 7 नए मेडिकल कॉलेज खुलने हैं। यदि भर्ती नियमों में अड़चने दूर होती हैं और प्रक्रिया शुरू होती है तो इसका फायदा इन नए कॉलेजों को भी मिलेगा। इसके चलते नए कॉलेजों में डॉक्टर और स्टॉफ की तेजी से भर्ती होगी।
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