Friday, 23rd May 2025

चुनावी साल में सरकार फैलाना चाह रही है चकाचक सड़कों का जाल

Fri, Dec 8, 2017 7:16 PM

भोपाल। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की चिंता सरकार और विधायकों को सताने लगी है। बड़ी संख्या में विधायक लगातार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सड़कों की मांग कर रहे हैं, लेकिन वित्तीय संसाधनों की सीमित उपलब्धता के चलते लगातार मामला टलता जा रहा था।

भाजपा विधायक दल की बैठक में यह बात कई बार उठ चुकी है। गुरुवार को मंत्रालय में लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक आते हैं, सड़क की मांग उठाते हैं, इसलिए इनके काम पहले करिए।

बैठक में इस बात पर भी विचार किया गया कि लोक निर्माण विभाग को इतनी राशि मुहैया करा दी जाए कि मार्च तक काम शुरू हो जाएं। सरकार की मंशा अप्रैल में बड़े स्तर पर भूमिपूजन और शिलान्यास कार्यक्रम करने की है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कई सड़कों की हालत बेहद खराब है और ठेकेदार रखरखाव के काम में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैें। इसको लेकर लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह ठेकेदार और इंजीनियरों के साथ बैठक भी कर चुके हैं। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की वजह से ठेकेदारों को हो रहे नुकसान की भरपाई भी प्रदेश सरकार कर रही है।

विधायकों की सड़कें बनाने के लिए चाहिए 1 हजार 450 करोड़

सूत्रों के मुताबिक बैठक में विभागीय अधिकारियों ने सड़कों की स्थिति को लेकर पूरा ब्योरा मुख्यमंत्री के सामने रखा। उन्हें बताया गया कि विधायकों ने 1 हजार 800 किलोमीटर सड़क के प्रस्ताव दिए हैं। इसके लिए 1 हजार 450 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। इसी तरह एक हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कें खराब हो चुकी हैं। इन्हें नए सिरे से बनाने के लिए 800 करोड़ और मुख्यमंत्री की सड़कों की घोषणाओं को पूरा करने के लिए साढ़े सात सौ करोड़ रुपए की जरूरत है।

सीमेंट-कांक्रीट की नहीं बनेंगी सड़क

बैठक में तय किया गया कि अब सीमेंट-कांक्रीट की सड़कें नहीं बनाई जाएंगी। इसकी जगह पहले की तरह डामर की सड़कें बनेंगी। दरअसल, विभाग ने पिछले कुछ समय से मुख्य जिला मार्ग (एमडीआर) पूरी तरह सीमेंट कांक्रीट के बनाने का निर्णय किया था, लेकिन इसको लेकर कई तरह की शिकायतें थीं। इनकी लागत भी अधिक होती है और यह वाहन के साथ स्वास्थ्य के लिए भी ठीक नहीं मानी जाती हैं।

गड्ढे भर रहे हो क्या

मुख्यमंत्री ने बैठक में पूछा कि क्या सड़कों के गड्ढे भरे जा रहे हैं। इस पर लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह ने कहा कि बिना ठेकेदारों के गड्ढे भर रहे थे, इसलिए गति धीमी थी पर अब ठेके से रखरखाव का काम करने का फैसला किया है। इससे गति बढ़ेगी। दरअसल, विभाग ने यह व्यवस्था लागू कर दी थी कि मुख्य अभियंता यदि लिखित में ठेके से रखरखाव का काम करने के प्रस्ताव देते हैं तो फिर काम कराए जा सकते हैं। मुख्य अभियंताओं ने इसे नीतिगत मामला मानते हुए लिखित में नहीं दिया और काम लंबित होते गए।

जनवरी के बाद बताएंगे कितनी राशि दे पाएंगे

सूत्रों के मुताबिक बैठक में मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण, जल संसाधन जैसे विभागों को अधिक बजट देने की बात रखी। इस पर अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव ने कहा कि जनवरी के बाद ही वित्तीय स्थिति देखकर ही बता पाएंगे कि कितनी राशि दे पाएंगे। मुख्यमंत्री ने निर्माण विभागों को 10 से 15 प्रतिशत और बाकी विभागों को 5-5 प्रतिशत अधिक राशि देने को कहा।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery