इंदौर। छह महीने पहले नर्मदा नदी से रेत खनन पर लगी रोक हटा ली गई है। दो दिन पहले खनिज विभाग ने इसके लिए आदेश जारी किए हैं। इससे मालवा-निमाड़ के इलाकों में रेत की कीमतों में कमी आ सकती है। नर्मदा से रेत खनन पर रोक लगने के बाद रेत के भाव लगभग दो गुने हो गए थे। अब कीमतों में कमी आ सकती है।
नर्मदा तट पर होंशगाबाद, रायसेन, हरदा, सिहोर, रायसेन, आलीराजपुर, मंडला, सिवनी सहित 84 इलाकों में रेत के बड़े भंडार है, जो अब नए सिरे से पंचायतों को सौंप दिए जाएंगे। खदानों का सर्वे भी खनिज विभाग द्वारा किया जा रहा है और पंचायतों से खनन की योजना भी मांगी जा रही है।
20 दिसंबर के बाद खदानों से फिर रेत खनन शुरू हो जाएगा। इस अवधि में खदानों के नाम परिवर्तन कर संबंधित पंचायतों के नाम जोड़े जाएंगे। खदानों में रेत की उपलब्धता की जांच भी होगी। पिछले साल 11 दिसंबर से 15 मई तक नर्मदा सेवा यात्रा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की अगुवाई में निकली थी।
यात्रा के समापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे। उन्होंने भी नर्मदा के रेत खनन पर चिंता जताई थी। मई में ही सरकार ने नर्मदा नदी से रेत खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे सरकार को 132 करोड़ की रायल्टी का नुकसान हुआ था।
सस्ती होगी रेत
नर्मदा तट से खनन पर प्रतिबंध लगने से रेत के दाम दोगुने हो गए थे। रेत कारोबारियों के मुताबिक 45 रुपए फीट की रेत 90 से 100 रुपए फीट तक हो गई थी। अभी रेत के भाव 60 रुपए फीट तक है। छह महीने से इंदौर तक होशंगाबाद से रेत की खेप आ रही है। रोक हटने के बाद परिवहन लागत कम होने से रेत के भाव भी उतरने की उम्मीद है।
हटा चुका है प्रतिबंध
नर्मदा नदी से रेत खनन की रोक दो दिन पहले हटाने के आदेश जारी हुए हैं। कैबिनेट बैठक में इस पर पहले सहमति बनी थी। अब रेत और सस्ते दामों पर उपलब्ध हो सकेगी।
Comment Now