आगरा। पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने कहा है कि सचिन तेंडुलकर की विराट कोहली से तुलना करना ठीक नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका जा रही भारतीय टीम में टेस्ट मैचों में लगातार 10 सीरीज जीतने का विश्व रिकॉर्ड बनाने की क्षमता है।
जागरण कार्यालय में आए सहवाग ने याद दिलाया कि ऑस्ट्रेलिया के विजय रथ को भी भारत ने ही रोका था, भारतीय टीम इस बार भी इतिहास रचेगी। वीरू ने कहा कि मैं आज में जीता हूं। सभी को आज में जीना चाहिए और खुश रहना चाहिए। दक्षिण अफ्रीका में ओपनर के रूप में मुरली विजय, शिखर धवन और केएल राहुल में से किस पर दांव खेलना चाहिए, के जवाब में वीरू ने कहा कि आखिरी मैच में मुरली और धवन की जोड़ी ने धाक जमाई थी। मुझे लगता है कि आगामी सीरीज में इसी जोड़ी पर दांव लगाया जाना चाहिए।
सहवाग ने कहा, रिकॉर्ड तो टूटने के लिए ही बनते हैं। विराट यदि मेरा तिहरे शतक का रिकॉर्ड तोड़ते, तो बहुत खुशी होती। पहले टेस्ट मैच में खेली गई शतकीय पारी मेरी सर्वश्रेष्ठ पारी रही।
सचिन के वीडियो देख सीखा क्रिकेट: सहवाग से जब एक छात्रा ने सवाल पूछा कि क्रिकेट की ओर रुझान कब और कैसे आया तो उन्होंने कहा कि यह खेल उनका पैशन है। कक्षा दस से मैं इस ओर मुड़ गया और फिर पीछे नहीं देखा। अपने यादगार लम्हे के बारे में पूछने पर उन्होंने अपने पहले टेस्ट शतक को बताया। सहवाग का कहना था कि क्रिकेट खेलने की सही उम्र छह वर्ष है। हालांकि क्रिकेटर के रूप में निखरने के लिए 15 से 20 साल का वक्त लगता है। मैं भी इसी तरह खिलाड़ी बना।
एक सवाल के जवाब में सहवाग ने सचिन को अपना रोल मॉडल बताया। कहा कि वे सचिन के बल्लेबाजी के वीडियो देखते थे और उनसे सीखने का प्रयास करते थे। सचिन से बहुत कुछ सीखा है। छात्र-छात्राओं ने महिला क्रिकेट के अधिक लोकप्रिय न होने पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि महिला क्रिकेट का भविष्य बेहतर है। लोगों का नजरिया बदल रहा है।
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