Thursday, 22nd May 2025

मोदी से सवाल पूछने में राहुल गांधी ने की कैल्कुलेशन में गलती, चीजों के रेट 100% ज्यादा बताए

Tue, Dec 5, 2017 7:12 PM

नई दिल्ली. गुजरात चुनाव के मद्देनजर राहुल गांधी हर दिन नरेंद्र मोदी से ट्विटर पर एक सवाल पूछ रहे हैं। लेकिन मंगलवार को उन्होंने सवाल किया तो उनकी मैथ्स पर सवाल उठ गए। दरअसल उन्होंने गुजरात में तीन साल में जरूरी चीजों के बढ़े रेट का एक चार्ट पोस्ट किया है। इसमें रेट में बढ़ोत्तरी वाले कॉलम में पर्सेंट को करीब 100 प्वॉइंट बढ़ाकर लिखा गया। मीडिया में खबर आने के बाद राहुल ने यह पोस्ट हटा ली और उसकी जगह एक नया चार्ट पोस्ट किया। इसमें बढ़ोत्तरी फीसदी की बजाय रुपयों में दी गई।

क्या गलती चार्ट में?
- राहुल ने जो चार्ट पोस्ट किया है उसमें हर चीज का पर्सेंट 100% ज्यादा लिखा गया है। जैसे- 2014 में दाल का रेट 45 रुपए और 2017 में 80 रुपए किलो बताया गया है। इस तरह इसके रेट में 77% की बढ़ोत्तरी बताई जानी चाहिए, लेकिन पोस्ट किए गए चार्ट में बढ़ोत्तरी 177% लिखी।


ये चार्ट पोस्ट किया था राहुल ने

  2014 2017 बढ़ोत्तरी
गैस सिलेंडर 414 रु. 742रु. 179% (होना चाहिए 79%)
दाल 45 रु./किलो 80 रु./किलो 177% (होना चाहिए 77%)
टमाटर 35 रु./किलो 100 रु./किलो 285% (होना चाहिए 186%)
प्याज 40 रु./किलो 80 रु./किलो 200% (होना चाहिए 100%)
दूध 38 रु./लीटर 50 रु./किलो 131% (होना चाहिए करीब 32%)
डीजल 56 रु./लीटर 63 रु./किलो 113% (होना चाहिए करीब 12.5%)

- इस चार्ट के नीचे लिखा है: महंगी शिक्षा, महंगा इलाज, गुजरात पर महंगाई का राज।

राहुल ने यह पोयम भी पोस्ट की

जुमलों की बेवफाई मार गई
नोटबंदी की लुटाई मार गई
GST सारी कमाई मार गई
बाकी कुछ बचा तो महंगाई मार गई
बढ़ते दामों से जीना दुश्वार
बस अमीरों की होगी भाजपा सरकार?

ट्विटर पर सीरीज चलाकर सवाल पूछ रहे राहुल

- राहुल ट्विटर पर 22 सालों का हिसाब, गुजरात मांगे जवाब नाम की एक सीरीज चलाकर हर दिन मोदी से सवाल पूछ रहे हैं। अपने ट्वीट में वे गुजरात के हालात पर ‘प्रधानमंत्री जी से सवाल’ लिखकर ट्वीट कर रहे हैं।

महिला सुरक्षा, शिक्षा और बेरोजगारी पर पूछे थे सवाल
छठवां सवाल: 7वें वेतन आयोग में 18000 रुपए मासिक होने के बावजूद फिक्स और कांट्रैक्ट पगार 5500 और 10000 क्यों?
पांचवां सवाल: न सुरक्षा, न शिक्षा, न पोषण। गुजरात की बहनों से किया सिर्फ वादा, पूरा करने का कभी नहीं था इरादा।
चौथा सवाल: सरकारी शिक्षा पर खर्च में गुजरात देश में 26वें स्थान पर क्यों? युवाओं ने क्या गलती की है?
तीसरा सवाल: 2002-16 के बीच 62,549 करोड़ रुपए की बिजली खरीद कर 4 निजी कंपनियों की जेब क्यों भरी? जनता की कमाई, क्यों लुटाई?
दूसरा सवाल: 1995 में गुजरात पर कर्ज- 9183 करोड़। 2017 में गुजरात पर कर्ज- 2,41,000 करोड़। आपके वित्तीय कुप्रबन्धन और पब्लिसिटी की सजा गुजरात की जनता क्यों चुकाए?
पहला सवाल: 2012 में वादा किया कि 50 लाख नए घर देंगे। 5 साल में बनाए 4.72 लाख घर। प्रधानमंत्रीजी बताइए कि क्या ये वादा पूरा होने में 45 साल और लगेंगे?

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