मल्टीमीडिया डेस्क। केतु से संबंधित रत्न लहसुनिया को अंग्रेजी में कैट्स आई कहा जाता है। ज्योतिषशात्रियों के अनुसार इस रत्न को धारण करने से जातक केतु ग्रह के बुरे प्रभाव से बच सकता है। यदि किसी के लिए केतु फलदायी होने के बावजूद कमजोर है, तो इस ग्रह को धारण करने से उसे मजबूती मिल सकती है। जब किसी जातक के जीवन में केतु की महादशा चल रही हो तो उसके लिए यह रत्न धारण करना लाभकारी सिद्ध होता है।
वृषभ, मकर, तुला, कुंभ, मिथुन राशि के जातकों के लिए केतु से संबंधित कैट्स आई पहनना बहुत शुभ होता है। ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार, जो लोग लहसुनिया या कैट्स आई पहनते हैं उन्हें कभी किसी की बुरी नजर नहीं लगती। अगर जीवन में आर्थिक तंगी है तो अच्छे ज्योतिष शास्त्री से पूछकर लहसुनिया रत्न धारण करना चाहिए। कैट्स आई पहनने से दरिद्रता से मुक्ति मिलती है।
ऐसे पहनें
लहसुनिया पहनने के लिए चांदी की धातु का प्रयोग किया जाना चाहिए। चांदी में जड़वाकर इसे दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण किया जाना चाहिए। इसे सोमवार को किसी शुभ मुहुर्त में धारण किया जाना फायदेमंद रहता है।
लहसुनिया आध्यात्मिक गुणों के लिए जाना जाता है। इस रत्न के प्रभाव से जातक का मोह-माया व विलास आदि से मन हट जाता है और वह अध्यात्म की ओर झुकने लग जाता है। यह केतु के दोष पूर्ण प्रभाव से दूर करने में मदद करता है और बढ़ती ठंड के कारण शरीर में होने वाली बीमारियों को भी कम करता है।
केतु मुख्यतः वक्रिय स्थिति में रहता है और जब कुंडली में प्रधान होकर स्थित होता है तब वह अप्रत्याशित लाभ व फायदे लेकर आता है। केतु दादाजी, कुष्ठ रोग, किसी चोट या किसी दुर्घटना, भाग्य व भय के मामलों का संकेत देता है।
इस रत्न के फायदे
लहसुनिया के नुकसान
यदि लहसुनिया रत्न किसी को सूट नहीं करता है, तो उसे निम्न तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
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