रायपुर। विधानसभा के एसबीआई शाखा में लॉकर काटकर करोड़ों के जेवर-नकदी लूटने वाले डकैतों का पता लगाने में पुलिस को पसीना छूट रहा है। हफ्तेभर में कोई सुराग ही नहीं मिल पाया है। न फिंगर प्रिंट है न सुबूत, बैंक से मिले फुटेज जिसमें तस्वीर धुंधली है, उसके सहारे आठ राज्यों में तफ्तीश की जा रही है।
आठ राज्यों में फुटेज फेजकर वहां की पुलिस से उनके राज्य में घटी घटनाओं के तरीके, संदिग्ध गिरोह की जानकारी मांगी गई है, लेकिन अभी तक किसी से जवाब नहीं मिला है। लॉकरों व चेस्ट बॉक्स में फिंगरप्रिंट का पता चला था, लेकिन आधे-अधूरे ही मिल पाए।
बताया जा रहा है कि 13 लॉकरधारकों में से केवल 11 ने ही ब्योरा दिया है, दो ने कोई जानकारी नहीं दी है। उन्होंने मौखिक ही करोड़ रुपए के गहने गायब होना बताया है। चर्चा है कि विधानसभा के रिटायर्ड प्रमुख सचिव देवेंद्र वर्मा के लॉकर से गायब जेवरों के बारे में भी पुलिस सटीक जानकारी नहीं ले पाई है।
ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, यूपी, बिहार में संदिग्धों की खोज की जा रही है। प्रदेश के सभी जिलों में पुलिस ने अपने सभी सोशल साइट्स के लिंक पर फोटो वायरल किया है।
डकैती की वारदात में मिलती रही मदद रायपुर में हुई तीन बड़ी डकैतियों में दूसरे राज्यों से अहम इनपुट मिल चुके हैं। समता कॉलोनी, फाफाडीह व उरला बैंक डकैती में संदिग्ध चेहरों की तस्वीरें भेजकर क्लू जुटाया गया था।
गैस कटर गैंग के बारे में भी इसी तरह की तफ्तीश शुरू की गई है, लेकिन इनपुट नहीं मिल पाया है। लॉकर का हिसाब छिपाने दबाव सूत्रों की मानें तो कुछ लॉकरों को पुलिस जांच से दूर रखने का प्रयास किया जा रहा है।
अभी तक बैंक प्रबंधन और पुलिस को ब्योरा नहीं दिया गया है। कुछ लॉकर ऐसे थे जिसमें 10 करोड़ रुपए तक के गहने थे। ऐसी जानकारी पुलिस को मिल रही है।
पकड़े जाते आरोपी यदि...
- बैंक के अंदर व बाहर नाइट विजन कैमरे लगे होते तो तस्वीरें साफ आतीं। घटना के तुरंत बाद खोजबीन आसान होती।
- वारदात के बाद अगर तुरंत पुलिस जाती, क्योंकि कइयों की आवाजाही से फिंगरप्रिंट व बूट के निशान मिट गए। एक्सपर्ट टीम भटक गई।
- घटनास्थल रिंग रोड 03 से कुछ ही दूरी पर ढाबे और पेट्रोल पंप हैं, लेकिन यहां सर्विलांस सिस्टम जांच टीमों को नहीं मिला।
बैंक से जुड़े मामले में एक्सपर्ट टीमें छानबीन कर रही हैं। आसपास के राज्यों में पेशेवर गिराह के बारे में पता लगाया जा रहा है। - ओपी शर्मा, एएसपी ग्रामीण
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