नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भर दिया। नामांकन की स्क्रूटनी के बाद मंगलवार दोपहर 3.30 बजे तक नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान होने की संभावना है। उनके नामांकन भरने के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच बयानबाजी शुरू हो गई है।
जहां कांग्रेस नेता इसे पार्टी के लिए अच्छा बता रहे हैं वहीं भाजपा ने वंशवाद और परिवारवाद का मुद्दा फिर उठायाहै।
नॉमिनेशन के बाद पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि राहुल कांग्रेस के डार्लिंग हैं और वो पार्टी की महान परंपरा को आगे लेकर जाएंगे।
वहीं कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि 100 भेड़ों के आगे एक शेर लगा दो तो भेड़ें भी शेर हो जाती हैं वहीं 100 शेरों के आगे एक भेड़ लगा दो तो शेर भी भेड़ हो जाते हैं। राहुल तो बब्बर शेर हैं।
वहीं योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस देश पर बोझ है और राहुल को अध्यक्ष बनाने के बाद यह बोझ सभी पर से हट जाए। वहीं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बोले कि राहुल को अध्यक्ष बनाना कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। उन्हें चुनाव की व्यवस्था मजबूरन करना पड़ रही है क्योंकि यह आयोग का आदेश है। हालांकि, कांग्रेस में कोई लोकतंत्र जिंदा नहीं रहा।
पार्टी में राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर पार्टी के ही एक नेता शहजाद पूनावाला के आरोपों को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि अगर कोई चुनाव में खड़ा होना चाहता है तो हो सकता है। यह लोकतांत्रिक तरीके से होगा। पीएम को कांग्रेस के अंदरूनी मामलों में बोलने का कोई हक नहीं है।
इससे पहले राहुल गांधी ने सुबह पार्टी दफ्तर पहुंचकर सभी बड़े नेताओं के सामने अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, शीला दीक्षित, मोहसिना किदवई, कमलनाथ, मोतीलाल वोरा, अहमद पटेल, तरूण गोगोई और अशोक गहलोत राहुल गांधी के प्रस्तावक बने।
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