ग्वालियर (रामेंद्र परिहार)। 17 साल पहले घर में किचन प्लेटफॉर्म बनाने एक मजदूर को लेकर आए। वह आधी कीमत पर काम करने को तैयार था। उसके साथ में एक बच्ची भी थी। दोनों कई दिन से भूखे थे। मजदूर से काम भी नहीं हो रहा था। बच्ची से पूछा वह स्कूल क्यों नहीं जाती तो उसने बड़ी ही मासूमियत से जवाब दिया- अंकल, ऐसा कोई स्कूल है, जिसमें पापा को फीस न देना पड़े। हमें खाना ही बड़ी मुश्किल से मिलता है। यह सुन घर के मालिक की आंखों से आंसू आ गए। खुद की आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद उसने उस मजदूर की बेटी मुस्कान के नाम से गरीब बच्चों के लिए स्कूल खोल दिया। आज 250 बच्चे पढ़ते हैं और फिल्म अभिनेता सलमान खान आर्थिक मदद करते हैं।
यह कहानी है हजीरा निवासी 54 वर्षीय चन्दन सिंह पाल और उनके निशुल्क मुस्कान चिल्ड्रन स्कूल लाल टिपारा बड़ागांव के खुलने की। वे खुद 8वीं तक पढ़े हैं और कभी पेंटर थे, लेकिन आज 250 बच्चों को पढ़ा रहे हैं और उनके भविष्य के सपनों में रंग भर रहे हैं।
17 साल संघर्ष के
चंदन सिंह के अनुसार, 17 साल पहले स्कूल की नींव पड़ी। तब पूंजी के नाम पर मेरे पास केवल पेंटिंग की दुकान थी। सात-आठ हजार रुपए मिलते थे। इसी से घर और स्कूल चलाना था। मुरार के लाल टिपारा पर रहने वाले मजदूरों, गरीब बस्तियों के 20 बच्चों को लेकर स्कूल शुरू किया। धीरे-धीरे लोग जुड़ते गए। आज 250 बच्चे पढ़ रहे हैं। 2007 में पेटिंग का काम पूरी तरह बंद हो गया। तब लगा स्कूल बंद हो जाएगा, लेकिन पत्नी ने अपने सारे जेवर दे दिए, जो 60 हजार में बेचे और स्कूल की जरूरतें पूरी की।
कर्जदार धमकाते थे, लोग पागल कहते थे
चंदन बताते हैं, बच्चे बड़े हो रहे थे। तीन बेटियां थी। पत्नी के सारे जेवर बिक चुके थे। स्कूल को संभालने जिन लोगों से कर्ज लिया वह घर आकर धमकाते थे। लोग पागल कहते थे। 2009 में बड़ी बेटी रेनू ने एक जगह अकाउंटेंट का जॉब किया। 10 हजार वेतन मिलने लगा। जिस दिन पहली सैलरी मिली, पूरी सैलरी मेरे हाथ में रखते हुए कहा-पापा यह स्कूल बंद नहीं होना चाहिए। अन्य बेटियां रीना, डॉली व बेटा विकास भी स्कूल में पढ़ाने लगे। इससे बड़ा हौसला मिला।
स्कूल के लिए करते हैं नौकरी
स्कूल की ओर से बच्चों को किताब, बैग, ड्रेस भी निशुल्क दी जाती है। इसके लिए चंदन मोहनपुर के पास एक होटल में काम करते हैं। वहां मैनेजर हैं। सुबह 7.30 बजे से 12.30 बजे तक स्कूल में रहने के बाद दोपहर से रात 8.30 बजे तक होटल में रहते हैं। जो पैसा मिलता है, स्कूल में उपयोग करते हैं।
मुख्यमंत्री ने दिया एक लाख का इनाम
चंदन सिंह को उनके इस काम के लिए 1 अगस्त 2017 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में सम्मानित किया। इस दौरान उन्हें एक लाख रुपए भी मिले। चंदन ने इस एक लाख में जोड़कर रखे अपने 30 हजार रुपए मिलाकर स्कूल के सभी बच्चों के लिए दीपावली पर नई स्कूल ड्रेस बनवा दी। अब स्कूल में सभी बच्चे एक ही यूनिफॉर्म में आते हैं।
स्कूल में 15 टीचर, दो साल से सलमान दे रहे सैलरी
मुस्कान चिल्ड्रन स्कूल के बारे में जब सलमान खान की संस्था ने सुना तो दो साल पहले अचानक एक दिन उनकी संस्था की मैनेजर उनके स्कूल पहुंच गईं। यहां उन्होंने बच्चों और उनके परिजन से बात की। जब हकीकत पता चली तो स्कूल में पढ़ा रहे 15 शिक्षक-शिक्षिकाओं का वेतन सलमान खान की ओर से दिया जाने लगा। उनकी संस्था की ओर से हर माह 30 हजार रुपए मुस्कान स्कूल के अकाउंट में आते हैं।
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