भोपाल।भोपाल गैस त्रासदी को 33 वर्ष होने आए हैं। आज भी दोषियों को सजा नहीं मिली और पीड़ित न्याय की बाट जोह रहे हैं। इंसाफ की लड़ाई को कई सामाजिक संगठन लड़ रहे हैं। किसी की लड़ाई को कम नहीं आंका जा सकता, किंतु कुछ चेहरे इस त्रासदी की पहचान बन गए हैं। पीड़ितों के हक की लड़ाई की मशाल मिलजुल कर जला रहे हैं। यह लड़ाई आज भी पूरी ताकत से लड़ी जा रही है।
ऊपर तस्वीर में दिखाई दे रहीं वयोवृद्ध महिला शांतिदेवी (70) है। नियन कार्बाइड से रिसी गैस ने ताजमहल निवासी इनके पति किशनचंद को छीन लिया था। साल दर साल बीतते चले जा रहे हैं, लेकिन इस महिला की बूढ़ी आंखों में उम्मीद की रोशनी बरकरार है। वह गैस त्रासदी की बरसी पर इस उम्मीद में कैंडल मार्च में शामिल होती है कि कभी तो न्याय मिलेगा। जिम्मेदार सलाखों के पीछे होंगे। शनिवार की शाम गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन ने यादगारे शाहजहांनी पार्क में कैंडल जलाकर गैस त्रासदी में मृत लोगों को श्रद्धांजलि दी गई, जिसमें शांतिदेवी शामिल हुईं।
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