Friday, 23rd May 2025

मनमोहन बोले- नहीं चाहता कि मेरे बैकग्राउंड पर कोई तरस खाए, मोदी से कॉम्पीटिशन ही नहीं

Sun, Dec 3, 2017 5:31 PM

अहमदाबाद/नई दिल्ली.मनमोहन सिंह ने शनिवार को सूरत में कहा कि दो महान नेताओं (पंडित नेहरू और सरदार पटेल) के बीच सत्ता के लिए मतभेद दिखाकर मोदी कुछ हासिल नहीं कर सकते। जब उनसे पूछा गया कि नरेंद्र मोदी की तरह अपना बैकग्राउंड क्यों नहीं बताते? इस पर पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ''मैं नहीं चाहता कि मेरे सादगीभरे बैकग्राउंड के कारण देश में कोई रहम दिखाए। कम से कम इस मामले में मैं नरेंद्र मोदी के साथ कोई कॉम्पीटिशन नहीं चाहता हूं।'' बता दें कि मोदी ने गुजरात चुनाव कैंपेन में कांग्रेस के अंदर सरदार पटेल की उपेक्षा और सोमनाथ मंदिर को लेकर पंडित नेहरू पर सवाल उठाए थे। गुजरात में असेंबली इलेक्शन के लिए 9 और 14 दिसंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 18 तारीख को आएंगे।

नोटबंदी पर मनमोहन क्या बोले?

- मनमोहन ने नोटबंदी और जीएसटी को लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले के बाद बैंकों की लाइन में जान गंवाने वाले 100 से ज्यादा लोगों को याद करता हूं। बड़े दुख के साथ कहता हूं कि 8 नवंबर का दिन देश की इकोनॉमी और डेमोक्रेसी के लिए काला दिन है।

- इस पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ''यह पूर्व प्रधानमंत्री की मजबूरी है। परिवार को खुश करने के लिए वह गलत बातें बोल रहे हैं। हाल में सामने आए जीडीपी के आंकड़ों से उनके सारे सवालों का जवाब मिल चुका है।''

- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मनमोहन जी कोशिश करते रहे कि जीएसटी लागू हो। उनकी सरकार सभी राज्यों के साथ सहमति नहीं बना पाई, हमने ये कर दिखाया।इसीलिए वो विरोध कर रहे हैं।

 

मोदी ने नेहरू-पटेल के लिए क्या कहा था?

- 30 नवंबर को नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी के सोमनाथ मंदिर जाने को लेकर भी तंज कसा था। प्रधानमंत्री ने गुजरात के प्राची में अपनी रैली के दौरान देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का नाम लिए बिना उन्हें सोमनाथ मंदिर का विरोधी बताया।

- न्यूज एजेंसी के मुताबिक मोदी ने कहा था कि अगर सरदार पटेल नहीं होते तो सोमनाथ मंदिर कभी नहीं बन पाता। आज कुछ लोगों को सोमनाथ दादा (भगवान सोमनाथ) याद आ रहे हैं। मैं उनसे एक सवाल पूछना चाहता हूं। क्या आप इतिहास भूल गए हैं? 
- आपके परिवार वाले, हमारे पहले प्रधानमंत्री सोमनाथ मंदिर बनाए जाने के विचार से खुश नहीं थे। जब डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद सोमनाथ मंदिर का इनॉगरेशन करने यहां आए तो पंडित नेहरू ने इस पर नाखुशी जाहिर की थी। सरदार पटेल ने नर्मदा नदी का पानी यहां लाने का सपना देखा लेकिन आपकी (राहुल गांधी की) फैमिली ने उन्हें यह सपना साकार नहीं करने दिया था।

सोमनाथ मंदिर में राहुल की एंट्री विवाद क्यों?

- इसी दिन कांग्रेस वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने सोमनाथ मंदिर के दर्शन से दो दिनी दौरे की शुरुआत की थी। मंदिर में गैर-हिंदुओं को दर्शन से पहले रजिस्टर में एंट्री करनी होती है। इसमें राहुल के साथ अहमद पटेल के नाम लिखे होने पर बीजेपी हमलावर हो गई।

- बीजेपी स्पोक्सपर्सन संबित पात्रा ने कहा था, ''कांग्रेस और राहुल के लिए धर्म सुविधा का विषय है, आस्था का नहीं। राहुल को इस पर जवाब देना चाहिए। वो कहते हैं कि यह साजिश है, पर हम कहते हैं कि कांग्रेस ही साजिश है। आज उनकी साजिश उजागर हो गई है। आप अधर्मी हैं।''

कांग्रेस ने कहा था- राहुल जनेऊधारी हिंदू

- राहुल गांधी के सोमनाथ दर्शन के विवाद पर कांग्रेस की ओर से रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि राहुल को एंट्री रजिस्टर दिया गया, इसमें सिग्नेचर उनके हैं। उन्होंने विजिटर्स बुक में एंट्री की है। राहुल हिंदू ही नहीं, जनेऊधारी हिंदू हैं। अगर वो अपना नाम लिखते, तो खुद अपने नाम के बाद 'जी' क्यों लगाते। बीजेपी को राजनीति के इतने निचले लेवल तक नहीं गिरना चाहिए।

- मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के मीडिया को-ऑर्डिनेटर मनोज त्यागी ने राहुल और अहमद के नाम लिखे थे। हस्ताक्षर भी उनके ही हैं। कांग्रेस ने चार तस्वीरें भी जारी की, जिनमें विजिटर्स बुक में राहुल के हस्ताक्षर हैं और वो जनेऊ पहने हुए हैं।

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