भोपाल। डेढ़ महीने पहले जर्मनी के बर्लिन शहर के गोएट इंस्टीट्यूट से जर्मन लैंग्वेज सी-2 का कोर्स करने के बाद लौटी यवती ने ट्रेस के सामने कूदकर जान दे दी। वह 25 अक्टूबर को भोपाल लौटी थी। गुरुवार शाम वह मां को यह बताकर निकली थी कि मोबाइल में बैलेंस डलवाने जा रही है और जल्द ही लौट आएगी, लेकिन शाम 7.30 बजे वह हबीबगंज स्टेशन पहुंची और प्लेटफार्म-4 पर आ रही पंजाब मेल के सामने कूद गई।
हबीबगंज जीआरपी एएसआई एलआर धुर्वे ने बताया कि गीतिका चूनाभट्टी स्थित पारिका सोसायटी से वाहन क्रमांक एमपी 04 एचसी 0373 लेकर निकली थी। उसने वाहन प्लेटफॉर्म-1 की तरफ कार पार्किंग में खड़ा किया था। टिकट विंडो से प्लेटफॉर्म टिकट खरीदकर प्लेटफॉर्म-4 पर घूम रही थी। इसके बाद वह ट्रेन के सामने किन कारणों से कूद गई, यह जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है। एएसआई ने बताया कि प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि वह तनाव में थी और उसका इलाज चल रहा था।
पापा ने कहा- मैंने कभी बेटी को चांटा तक नहीं मारा
जीआरपी को दी जानकारी में गीतिका के पिता राजेंद्रनाथ मिश्रा ने बताया कि उन्होंने बेटी को कभी चांटा तक नहीं मारा। बेटी राजधानी के एक निजी कॉलेज से जर्मन लैंग्वेज में डिप्लोमा कर चुकी थी। इसके बाद वह जर्मन लैंग्वेज में होने वाले सी-2 सर्टिफिकेट कोर्स करने जर्मनी गई थी कोर्स भी पूरा हो गया था। जॉब की चिंता नहीं थी और न ही उसे जॉब की फिलहाल कोई जरूरत थी।
तीन भाषाओं में थी अच्छी पकड़
गीतिका के करीबियों ने बताया कि हिंदी, इंग्लिश समेत जर्मनी में उसकी अच्छी पकड़ थी। वह बर्लिन के गोएट इंस्टीट्यूट में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को तीनों भाषाओं में संबोधित कर चुकी थी।
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