Thursday, 22nd May 2025

प्रेमी के साथ शादी के जोड़े में एसएसपी के पास पहुंची लड़की, कहा-उसे परिजनों से है खतरा

Thu, Nov 30, 2017 7:32 PM

मुजफ्फरपुर. बिहार के मुजफ्फरपुर एसएसपी कार्यालय में अपने प्रेमी के एक रिश्तेदार के साथ पहुंची लड़की ने एसएसपी से मर्जी से अंतरजातीय विवाह करने की बात बताई। साथ ही कहा कि इसके लिए परिजन उसकी हत्या कर सकते हैं। लड़की के इस बयान पर एसएसपी ने उसे कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया। इधर, लड़की के परिजनों ने एसएसपी कार्यालय में आवेदन देकर दावा किया है कि बेटी अभी नाबालिग है। विवाह के लिए उसका अपहरण हुआ था। अभी वह भय में होगी। बरामदगी के बाद उसे परिजनों को हवाले करना चाहिए। 16 नवंबर से हुई थी लापता....

जिले के हत्था ओपी क्षेत्र से 16 नवंबर से लापता लड़की बुधवार की सुबह 10 बजे ससुराल पक्ष के लोगों के साथ शादी के जोड़े में एसएसपी कार्यालय पहुंची। उसने अहियापुर थाना के एक गांव के लड़के से अंतरजातीय शादी करने की बात पुलिस को बताई। इसकी जानकारी होते ही लड़की पक्ष के लोग बड़ी संख्या में दोपहर करीब एक बजे एसएसपी कार्यालय पहुंच गए। परिजनों ने एसएसपी कार्यालय से लड़की को साथ ले जाने की कोशिश शुरू कर दी। हंगामे की स्थिति पर पुलिस सख्त हुई।

एसएसपी ऑफिस पहुंचे लड़की के परिजन
लड़की पक्ष के 5 लोगों को पकड़ कर थाने में बैठाए रखा। दिन भर एसएसपी कार्यालय में ही बंद कमरे में लड़की को पुलिस ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से रखा। इस दौरान उसके परिजन अन्य लोग बड़ी संख्या में एसएसपी कार्यालय आसपास जमे रहे। शाम में पांच बजे हत्था ओपी, नगर, सदर ब्रह्मपुरा थाने की सुरक्षा में एसएसपी कार्यालय से लड़की को कोर्ट में पेश कराया गया। परिजनों ने हत्था ओपी में 16 नवंबर को लड़की के अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई थी। इसी कांड में लड़की की बरामदगी दिखाते हुए पुलिस ने उसका कोर्ट में बयान दर्ज कराया। जब कोर्ट में लड़की को ले जाने के लिए एसएसपी कार्यालय से पुलिस की गाड़ियों का काफिला निकला। तब लड़की

पक्ष के लोगों ने सामने आकर गाड़ी को घेरने का प्रयास किया। महिला न्यायिक दंडाधिकारी ने लड़की का बयान दर्ज किया। मेडिकल जांच के बाद उसे कोर्ट में पुन: गुरुवार को प्रस्तुत किया जाएगा।


लड़की ने खुद बताया खतरा
एसएसपी विवेक कुमार ने कहा कि लड़की अपने परिजनों से खतरे की आशंका जता रही थी। इसलिए उसे पुलिस अभिरक्षा में कोर्ट में पेश कराया गया है। न्यायालय से जो आदेश होगा, उसका पालन किया जाएगा। मामले में कोई हिरासत में नहीं है।

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