नई दिल्ली.एकेडमिक सेशन 2019-20 में देशभर की यूनिवर्सिटीज में एंट्रेंस एग्जाम से ही एडमिशन हो पाएगा। यूजीसी को एंट्रेंस की गाइडलाइन तैयार करने को कहा गया है। यह जानकारी एचआरडी मिनिस्टर (हायर एजुकेशन) डाॅ. सत्यपाल सिंह ने एक खास बातचीत में दी। उन्होंने बताया कि इस प्रॉसेस से दो फायदे होंगे। एक तो स्टूडेंट्स और पैरेंटस को कटआॅफ के तनाव से निजात मिल जाएगी। दूसरा, नकल से पास होकर आए स्टूडेंट्स काबिल स्टूडेंट्स से आगे नहीं निकल पाएंगे।
'हायर एजुकेशन में सुधार के लिए यह जरूरी'
- डाॅ. सत्यपाल सिंह ने कहा कि हायर एजुकेशन में सुधार के लिए ऐसा करना जरूरी है, ताकि स्टूडेंटस को असली रिजल्ट मिले, न कि स्पाइकिंग या मॉडरेशन से नंबर बढ़ाए जाएं।
- उन्होंने कहा कि सरकार ने 2018 तक स्पाइकिंग खत्म करने के भी निर्देश दे रखे हैं। दो साल पहले भी यूनिवर्सिटीज में एंट्रेस लागू करने को कहा था। तब किसी यूनिवर्सिटीज का सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं था तो किसी का सर्वर। अब सरकार चाहती है कि 50-55% मार्क्स पाने वाले स्टूडेंट्स को भी एग्जाम में बैठने का मौका मिले।
प्रोफेशनल काेर्सों में ही एंट्रेंस होता है
- देशभर में 800 यूनिवर्सिटीज और 41,864 कॉलेज हैं
- इनमें करीब 2 करोड़ 84 लाख, 84 हजार 746 स्टूडेंट्स हैं।
- देशभर की यूनिवर्सिटीज में हर साल करीब 94 लाख स्टूडेंट्स एडमिशन लेते हैं।
- अभी प्रोफेशनल कोर्स जैसे इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट में ही एंट्रेंस एग्जाम से एडमिशन होता है।
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