निवाड़ी(टीकमगढ़)। नसबंदी के टारगेट पूरे करने के दबाव में डॉक्टर ऐसी गलतियां कर रहे हैं, जिससे मरीजों की जान पर बन रही है। ऐसा ही एक मामला बुधवार को सामने आया, जिसमें नसबंदी ऑपरेशन के बाद टांके लगाते समय निडिल(सुई) पेट में ही टूट गई। अगले दिन महिला को दिक्कत हुई तो वो स्वास्थ्य केंद्र पहुंची, जहां से बीएमओ उसे झांसी लेकर गए। जहां अल्ट्रासाउंड में टूटी हुई निडिल दिखाई दी। अब बीएमओ का कहना है कि ग्वालियर में महिला का इलाज 30 नवंबर को कराया जाएगा।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र निवाड़ी में ग्राम पठाराम निवासी रानी कुशवाहा (26) पत्नी जय हिन्द कुशवाहा 25 नवंबर शनिवार को नसबंदी का ऑपरेशन करवाने के लिए आई थी। शिविर में ग्वालियर से आए डॉक्टर आरसी गोयल ने ऑपरेशन किया। मगर टांके लगाते समय निडिल पेट में ही टूट गई।
अगले दिन महिला को परेशानी हुई तो बीएमओ डॉ. आरसी मलारिया उसको झांसी मेडिकल कॉलेज ले गए, जहां पर अल्ट्रासाउंड में टूटी हुई निडिल दिखाई दी। इसके बाद महिला को झांसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कर लिया गया, लेकिन 29 नवंबर को प्रबंधन ने महिला का ऑपरेशन करने से मना कर दिया। महिला की तकलीफ को देखते हुए परिजनों ने एसडीएम को आवेदन देकर जांच कराने की मांग की। वहीं बीएमओ का कहना है कि महिला का इलाज ग्वालियर में कराएंगे।
इनका कहना है
कैंप के दौरान महिला रानी कुशवाहा को आई समस्या का निराकरण किया जाएगा। उन्हें 30 नवंबर को ग्वालियर मेडीकल ले जाकर इलाज कराया जाएगा।
डॉ. आरसी मलारिया, बीएमओ, निवाड़ी
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