Friday, 23rd May 2025

PAK सरकार ने शर्तें मानीं, प्रदर्शन खत्म करने कानून मंत्री को देना पड़ा इस्तीफा

Mon, Nov 27, 2017 8:48 PM

इस्लामाबाद. पाकिस्तान में कट्टरपंथी धार्मिक गुटों के लगातार प्रदर्शन के बाद आखिरकार कानून मंत्री जाहिद हामिद को इस्तीफा देना पड़ा। फैजाबाद में हिंसक प्रदर्शन के बाद रविवार देर रात धार्मिक संगठनों के लीडर्स से बातचीत हुई, जिसके बाद प्रदर्शन रोकने के लिए इस्तीफे पर सहमति बनी। बता दें, हफ्ते भर से जारी हिंसक प्रदर्शन में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा पुलिसवालों समेत 230 लोग घायल हुए हैं।

 

- तहरीक-ए-लब्बैक के प्रवक्ता एजाज अशरफी ने कहा हामिद ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को सौंप दिया है, इसलिए वह अपना विरोध खत्म करेंगे। तहरीक-ए-लब्बैक इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा था।
- अशरफी ने कहा, "हमारी मांग मान ली गई है। सरकार ने कानून मंत्री के इस्तीफे की घोषणा की है इसलिए हम आज अपना धरना वापस लेंगे।" इधर सरकारी चैनल पीटीवी ने कानून मंत्री हामिद के इस्तीफे की जानकारी दी।

क्यों हो रहा था प्रदर्शन ?
- पाकिस्तानी कानून के अनुसार चुनाव में भाग लेने वाले किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को ये हलफनामा देना होता है कि पैगम्बर मोहम्मद इस्लाम के आखिरी पैगम्बर हैं और अब उनके बाद कोई दूसरा पैगम्बर नहीं आएगा। 
- प्रदर्शनकारियों का कहना है कि चुनाव सुधार के लिए संसद में जो विधेयक पेश किया गया उसमें इस हलफनामे की शर्तों के साथ छेड़छाड़ की गई थी जिसे वे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेंगे।
- सरकार ने इसे 'क्लैरिकल गलती' मानते हुए हलफनामे में सुधार कर दिया था, लेकिन प्रदर्शनकारी इसके लिए कानून मंत्री को जिम्मेदार मान रहे हैं और उनके इस्तीफ़े की मांग कर रहे थे।

प्रदर्शन कौन कर रहा था?
- तरहीक-ए-खत्म-ए-नबुव्वत, तहरीक-ए-लब्बैक या रसूल अल्लाह (TLYR) और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान के (ST) 2000 से ज्यादा एक्टिविस्ट दो हफ्ते से इस्लामाबाद एक्सप्रेसवे और मुर्री रोड को जाम करके प्रोटेस्ट कर रहे थे। ये सड़कें इस्लामाबाद को इकलौते एयरपोर्ट और रावलपिंडी से जोड़ती है। 
- प्रोटेस्टर्स 2017 में पास किए गए इलेक्शन एक्ट में खत्म-ए-नबुव्वत में किए गए बदलावों को लेकर कानून मंत्री जाहिद हामिद के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।

फोर्स का करना पड़ा इस्तेमाल
- पिछले 20 दिनों से जारी प्रदर्शन को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म कराने की तमाम कोशिशों के नाकाम होने के बाद आखिरकार सरकार ने शनिवार को फोर्स का इस्तेमाल करने का आदेश दे दिया था, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे।

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