इस्लामाबाद.पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में इस्लामिक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के कार्यकर्ताओं की सिक्युरिटी फोर्सेज के साथ रविवार को दूसरे दिन भी झड़पें हुई। हालांकि, अब हालात को काबू में करने के लिए सेना की ड्यूटी लगा दी गई है। इस हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, 100 से ज्यादा पुलिसवालों समेत 230 लोग घायल हुए हैं। ये प्रदर्शनकारी देश के कानून मंत्री जाहिद हामिद के इस्तीफे की मांग कर रहे थे, जिन पर ईशनिंदा का आरोप लगा है।
- देश के गृह मंत्री की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, "संघीय सरकार इस्लामाबाद में कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त संख्या में सेना की तैनाती का आदेश देती है।"
- सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को फोन कर कहा था कि इस स्थिति को काबू में करने के लिए सेना की तैनाती की जरूरत है।
- तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी के मौलवी खादिम हुसैन रिजवी के सपोर्टर्स को तितर-बितर करने में लगभग 5,500 सुरक्षाबलों के असफल रहने के बाद यह फोन कॉल किया गया।
- बता दें पुलिस के इस ऑपरेशन के दौरान करीब-करीब सभी न्यूज चैनल्स को ऑफ एयर कर दिया गया। सरकार ने ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब जैसी सोशल साइट्स को भी बैन कर दिया गया।
- शनिवार को पूर्व पीएम नवाज शरीफ के घर जाने वाली सभी सड़कें ब्लॉक कर दी गई और कमांडो तैनात कर दिए गए। हालात संभालने के लिए आर्मी बुलाई गई है।
प्रदर्शन कौन कर रहा था और क्यों?
- तरहीक-ए-खत्म-ए-नबुव्वत, तहरीक-ए-लब्बैक या रसूल अल्लाह (TLYR) और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान के (ST) 2000 से ज्यादा एक्टिविस्ट दो हफ्ते से इस्लामाबाद एक्सप्रेसवे और मुर्री रोड को जाम करके प्रोटेस्ट कर रहे थे। ये सड़कें इस्लामाबाद को इकलौते एयरपोर्ट और रावलपिंडी से जोड़ती है।
- प्रोटेस्टर्स 2017 में पास किए गए इलेक्शन एक्ट में खत्म-ए-नबुव्वत में किए गए बदलावों को लेकर कानून मंत्री जाहिद हामिद के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
क्यों लिया एक्शन, कितने जवान भेजे?
- इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने गृह मंत्री अहसान इकबाल को नोटिस भेजकर कहा था कि आप सड़कें खाली करवाने के ऑर्डर को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। हाईकोर्ट ने पहले भी सरकार को 24 घंटे की डेडलाइन दी थी, जिसे बाद में बढ़ा दिया गया था।
- इस्लामाबाद के सिटी मजिस्ट्रेट ने शुक्रवार को प्रोटेस्टर्स को नोटिस भेजा था और कहा था कि सड़कें खाली करें या फिर अंजाम भुगतने को तैयार रहें।
- सिक्युरिटी ऑफिशियल के मुताबिक, 2000 एक्टिविस्ट्स को हटाने के लिए 8000 सिक्युरिटी पर्सनल्स को ऑपरेशन में लगाया गया। िजन्होंने प्रोटेस्टर्स पर आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें छोड़ीं।
मीडिया पर बैन क्यों लगाया गया?
- PAK मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (PEMRA) ने शनिवार को नोटिस भेजकर प्रोटेस्टर्स के खिलाफ ऑपरेशन की लाइव कवरेज पर बैन लगा दिया। साथ ही, सोशल साइट्स को भी बैन कर दिया गया।
- न्यूज एजेंसी से एक सोर्स ने कहा था, "इस तरह के हालात में कुछ मीडिया चैनल्स आतंकियों और उपद्रवियों को हीरो की तरह दिखाने लगते हैं, जिसकी वजह से स्थिति बिगड़ती है। इस नाजुक स्थिति में हम इस बात को लेकर भी चिंता में हैं कि सोशल मीडिया साइट्स का इस्तेमाल गलत और भ्रामक खबरें फैलाने के लिए ना किया जा। इससे लोगों में तनाव और डर फैलता है।"
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