भोपाल। मध्यप्रदेश के डाकघरों में धूमधाम से खोले गए पासपोर्ट सेवा केंद्रों में कामकाज की रफ्तार बेहद धीमी हो चली है। केंद्र खोलते समय जो दावे किए थे वे पूरे नहीं हो पा रहे। अभी चार शहरों के मुख्य पोस्ट आफिस में पासपोर्ट आवेदन जमा करने की सुविधा शुरू की गई है, लेकिन आवेदन के आवागमन में ही इतना समय लग जाता है जितनी देर में पासपोर्ट बनकर घर पहुंच जाना चाहिए। विभाग अब ये व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की बात कह रहा है।
विदेश मंत्रालय ने नई नीति बनाते हुए यह तय किया है कि पासपोर्ट के लिए किसी भी आवेदक को 50 किलोमीटर से ज्यादा दूर न जाना पड़े। इसकी शुरुआत विदिशा, ग्वालियर, जबलपुर और सतना के डाकघरों में पासपोर्ट सेवा केंद्र खोलकर की गई। प्रदेश की आर्थिक राजधानी के रूप में विख्यात इंदौर शहर में पासपोर्ट का लघु सेवा केंद्र खोला गया। इन पांचों कार्यालयों के जरिए हर दिन कुल 440 पासपोर्ट के आवेदन जमा होते हैं।
पांचों शहरों में निश्चित संख्या में ऑनलाइन अपाइंटमेंट देकर आवेदन जमा कराए जा रहे हैं। डाकघर के पासपोर्ट सेवा केंद्र से आने वाले आवेदनों में ज्यादा समय लग रहा है। इस वजह से उनकी फाइलों का निपटारा जल्दी नहीं हो पा रहा।
हर दिन आ रहे 1040 आवेदन
विभागीय सूत्रों का कहना है कि भोपाल सहित सभी छह शहरों के पासपोर्ट केंद्रों से कुल 1040 आवेदन प्रतिदिन जमा हो रहे हैं। इनके अलावा ऑफलाइन आवेदनों की संख्या अलग है। इन सभी आवेदनों की फाइल का निपटारा देर में हो पाता जिससे 'पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट" (पीवीआर) के लिए प्रकरण भेजने में विलंब हो जाता है। यही वजह है कि लेटलतीफी हो रही है।
यह है रोजाना अपाइंटमेंट की स्थिति
भोपाल-600
इंदौर-260
जबलपुर-60
ग्वालियर-60
सतना-40
विदिशा-20
बदलेंगे व्यवस्था
पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्रों के जरिए आने वाले आवेदनों की व्यवस्था और दुरुस्त की जा रही है। इसके लिए जवाबदारी भी तय की जाएगी। फाइल आते ही कार्रवाई तेजी से कराई जाएगी। फाइल आने-जाने का समय भी घटाया जाएगा - नीलेश श्रीवास्तव, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी मध्यप्रदेश
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