रायपुर.शिक्षाकर्मियों की बेमुद्दत हड़ताल के पांचवें दिन सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। दूसरी तरफ 56 हजार स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई भी ठप है। वहीं गुरुवार को कैबिनेट के सख्त रवैये के बाद पंचायत विभाग ने हड़ताली शिक्षाकर्मियों पर कार्रवाई की प्रक्रिया तेज कर दी है। अपर मुख्य सचिव पंचायत एमके राउत ने प्रदेशभर के जिला पंचायत सीईओ को निर्देश दिए हैं कि प्रोबेशन पीरियड में चल रहे शिक्षाकर्मियों को बर्खास्त करने की कार्रवाई तत्काल शुरू की जाए।
जानकारी के मुताबिक प्रोबेशन पीरियड वाले 2200 शिक्षाकर्मियों को अल्टीमेटम दे दिया गया है। सख्ती को देखते हुए शिक्षाकर्मी मोर्चा की ओर से भी कहा गया है कि जिन शिक्षाकर्मियों को अभी 2 साल नहीं हुए हैं, वे चाहे तो अपना स्कूल ज्वाइन कर सकते हैं।
अपर मुख्य सचिव राउत ने पंचायती राज सेवा भरती नियम 1998 की कंडिका पांच का उल्लेख करते हुए बताया की पंचायत के जो स्थायी सेवक है वे हड़ताल में भाग नहीं लेंगे। शिक्षाकर्मी सेवा शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं। राज्य के 2200 प्रोबेशनर शिक्षाकर्मी हैं। उनमें अधिकांश कार्य पर लौट आए हैं। सोमवार तक जो काम पर नहीं आएगा उन्हें सेवा से पृथक करके वैकल्पिक शिक्षक के रूप में समुदाय की मदद से 12वीं पास या उससे अधिक पढ़े लिखे युवकों को प्रेरक, किलेदार के छात्र-छात्राएं और सेवानिवृत लोगों को पढ़ाने के काम में लगाया जाएगा। जो शिक्षक हड़ताल पर नहीं है उनका वेतन 5 दिसम्बर तक मिल जाए यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। रायपुर जिला पंचायत सीईओ निलेश क्षीरसागर ने बताया कि 2012 की हड़ताल के समय जिन शिक्षाकर्मियों ने हड़ताल पर नहीं जाने को लेकर लिखित अंडरटेकिंग दी थी, यदि वे हड़ताल पर गए हैं तो उन्हें तत्काल नौकरी से पृथक करने की कार्रवाई की जा रही है। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विकासशील ने कहा कि पंचायत और स्कूल शिक्षा विभाग अपने मौजूदा रिसोर्सेज और समुदाय के सहयोग से हड़ताल के दौरान स्कूलों के सफलतापूर्वक संचालन के लिए पूरी तरह प्रयासरत हैं । चेतावनी और नोटिस जारी किए गए हैं। अंडरटेकिंग ली जा रही, प्रोबेशन वाले शिक्षाकर्मी, ट्रांसफर पर आये पति-पत्नी के हड़ताल पर जाने को लेकर कार्यवाही की जा रही है ।
मोर्चा ने दी चेतावनी, डराया तो और उग्र होगा आंदोलन
हड़ताली शिक्षाकर्मियों ने शुक्रवार को पूरे राज्य में प्रदर्शन किया। इसमें उन्होंने भाजपा के 2003 और 2008 के घोषणा-पत्र की कॉपियां लहराईं और सरकार को वादा याद दिलाते हुए हल्ला बोला। शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के संयोजक संजय शर्मा, विरेंद्र दुबे और केदार जैन ने कहा कि 2012-13 के आंदोलन के बाद सरकार ने आश्वासन भी दिया था, लेकिन शिक्षाकर्मियों के साथ धोखा कर रही है। सरकार अगर शिक्षाकर्मियों के आंदोलन को दबाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी तो आंदोलन और उग्र होगा। शिक्षाकर्मी इस बार किसी तरह के सरकारी झांसे में नहीं आने वाले हैं, शिक्षाकर्मी अब परिवार सहित प्रदर्शन करने पहुंचेंगे।
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