श्योपुर। जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग सरकार कैसे करती है, इसका नमूना श्योपुर में दिखा। जहां एक तरफ तो डैम बनाने के लिए परिवारों को विस्थापित किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ डैम के डूब क्षेत्र में पीएम आवास योजना के तहत आवास का निर्माण भी किया जा रहा है।
विजयपुर और सबलगढ़ में 400 करोड़ की लागत का चेंटीखेड़ा डैम बनाया जाना प्रस्तावित है। डीपीआर सहित सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है। वहीं डैम के लिए प्रस्तावित जमीन में सात गांव ऐसे आ रहे हैं, जिनमें पंचायत विभाग पीएम आवास योजना के तहत 7.65 करोड़ की लागत से 500 आवास बना रहा है।
अब सवाल यह है कि जब अफसरों को पता ही है कि बनाए जा रहे आवास डैम में जल समि ले लेंगे तो फिर सरकारी पैसे का दुरुपयोग क्यों किया जा रहा है। दोनों ही विभाग अपने-अपने काम व जिम्मेदारियों का हवाला देकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
डूबने के लिए कहां बने कितने आवास
चेंटीखेड़ा डैम में अगरा, चेंटीखेड़ा, अर्रोद, रणसिंह का पुरा, सायपुरा खुर्द, खोरदेह और देहरी गांव डूब में हैं। इनमें से अगरा गांव में 132 परिवारों के यहां पीएम आवास बनाए जा रहे हैं। इनमें से 73 का निर्माण पूर्ण हो चुका है।
अर्रोद गांव में 144 में से 68 का निर्माण पूरा हो चुका है। रणसिंह का पुरा में 75 आवास में से 30, सायपुरा खुर्द में तीन आवास हैं, जो बन चुके हैं। देहरी गांव में 16 आवास स्वीकृत हैं, जिनमें से 12 बन चुके हैं और खोरदेह गांव में 52 आवासों में से 21 बनकर तैयार हो चुके हैं।
पिपरवास गांव में बसेंगे परिवार
डूब में आए सात गांवों के 1264 परिवारों को दूसरी जगह बसाने के लिए प्रशासन ने जमीन भ्ाी फाइनल कर ली है। कलेक्टर पीएल सोलंकी ने बताया कि पिपरवास गांव के पास सात गांवों के परिवारों को बसाया जाएगा। इन्हें जमीन के बदले जमीन दी जाएगी और पिपरवास के झिलमिल नाले पर छोटा बां बनाकर विस्थापित परिवारों की जमीन को सिंचित किया जाएगा।
ऐसा होगा चेंटीखेड़ा डैम
- अगरा-चेंटीखेडा डैम का निर्माण 1219 हेक्टेयर जमीन में होगा।
- डैम निर्माण के लिए लगभग 400 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी।
- 674 हेक्टेयर जमीन का अग्रिहण होगा। 545 हेक्टेयर जमीन वन व राजस्व विभाग की है।
- श्योपुर के 29 गांव और मुरैना के 7 गांवों को मिलेगा पानी।
- चेंटीखेड़ा डैम के लिए सिंचाई मंत्री ने स्वीकृति दे दी है। इसकी डीपीआर बनकर विभाग को दी जा चुकी है। डैम पर 400 करोड़ का अनुमानित खर्च है और सात गांव डूब में आएंगे। - रघुवीर सिंह राजपूत, एसई, सिंचाई विभाग
- हां. इन सात गांवों में आवास बन रहे हैं और कई गांवों में 60 फीसदी से ज्यादा निर्माण भी पूरा हो चुका है। हमें टारगेट मिला है और हम वही काम कर रहे हैं। यह गांव डूब में हैं तो इस संबं में वरिष्ठ अफसरों से चर्चा करूंगा। जो निर्देश मिलेंगे, आगे वो कार्रवाई की जाएगी। - पीटर जोसुआ जनपद सीईओ, विजयपुर
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