बेंगलुरु.राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर ही मंदिर बनाने की बात कही। भागवत ने शुक्रवार को कहा, "राम जन्मभूमि पर कोई दूसरा ढांचा नहीं, बल्कि सिर्फ राम मंदिर बनेगा। ये हमारी आस्था का मामला है।" भागवत ने यह बात कर्नाटक के उडूपी में धर्म संसद में स्पीच के दौरान कही। धर्म संसद में विश्व हिंदू परिषद् (VHP) के नेताओं, कई मठों के प्रमुख समेत करीब 2 हजार साधु-संत मौजूद थे। उधर, एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भागवत के बयान को आपत्तिजनक बताया।
- संघ प्रमुख ने कहा, ''राम जन्मभूमि पर राम मंदिर ही बनेगा और कुछ नहीं। उन्हीं पत्थरों से बनेगा, उन्हीं की अगुआई में बनेगा जो पिछले 20-25 साल से इसका झंडा उठाकर चल रहे हैं।''
- ''अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर कोई संदेह के हालात पैदा नहीं होने चाहिए। हम इसे बनाएंगे। ये कोई जनता को लुभाने वाला एलान नहीं है, बल्कि हमारी आस्था का मुद्दा है। ये कभी नहीं बदलेगा। मंदिर के लिए लोगों का जागरूक होना जरूरी है।''
- भागवत ने कहा कि सालों की कोशिशों और बलिदान के बाद अब यह (मंदिर निर्माण) संभव लग रहा है। हम अपना लक्ष्य हासिल करने के करीब है, लेकिन इस स्थिति में ज्यादा सावधानी बरतनी होगी। हालांकि, अभी मामला कोर्ट के पास है।
- एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ''संघ प्रमुख ने आपत्तिजनक बयान दिया है। ये सुप्रीम कोर्ट को मैसेज देने की कोशिश है कि वे क्या चाहते हैं? यह बेहद नाजुक मामला है और आरएसएस इस मुद्दे पर आग से खेल रहा है। मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट संघ परिवार के विचार और उनकी डिजाइन को समझेगा।''
- आरएसएस चीफ ने कहा कि देश के मौजूदा माहौल को देखते हुए हिंदू साधु-संतों को बड़े पैमाने पर साथ आना चाहिए। समाज को बांटने वाली ताकतों से लोग सावधान रहें।
- ''हमें धर्म परिवर्तन कराने वालों तक पहुंचने और इसके तरीकों को समझने की जरूरत है। समाज की शक्ति एकता में है। जब ये खत्म होती है तो देश विरोधी ताकतें सिर उठाने लगती हैं। समाज को एक करने के लिए दलितों और पिछड़ों को बराबरी पर लाने की जरूरत है। हमें जातियों के बंधन से ऊपर उठना होगा।''
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