Friday, 23rd May 2025

संसद का विंटर सेशन 15 दिसंबर से, पिछली बार 16% रही थी लोकसभा की प्रोडक्टिविटी

Fri, Nov 24, 2017 8:25 PM

नई दिल्ली.पार्लियामेंट का विंटर सेशन 15 दिसंबर से 5 जनवरी तक 14 दिन चलेगा। कुछ दिन पहले सोनिया गांधी ने आरोप लगाया था कि सरकार गुजरात इलेक्शन की वजह से विंटर सेशन को बुलाने में देरी कर रही है। जवाब में फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने कहा था यह कोई पहली बार नहीं हो रहा है, कांग्रेस खुद पहले ऐसा कर चुकी है। इस बार भी विपक्ष सरकार को नोटबंदी, राफेल डील में गड़बड़ी, जीएसटी का गलत तरीके से इम्प्लीमेंटेशन, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों पर घेर सकती है। बता दें कि 2016 के सेशन में हंगामे की वजह से काम ज्यादा नहीं हुआ था। लोकसभा की प्रोडक्टिवटी सिर्फ 16% रही थी।

 

- पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्टर अनंत कुमार ने बताया कि 25 दिसंबर से 26 दिसंबर को क्रिसमस का अवकाश रहेगा। सेशन 14 दिन का होगा। यह फैसला पार्लियामेंट्री अफेयर्स की कैबिनेट मीटिंग में लिया गया।

- गुलाम नबी आजाद ने 21 नवंबर को कहा था कि सरकार संसद सत्र नहीं बुलाना चाहती। क्योंकि, उसे डर है कि संसद में जवाब देना पड़ेंगे। अगर इन मुद्दों पर बहस होती है तो सरकार गुजरात इलेक्शन के दौरान बेनकाब हो जाएगी।

पिछले विंटर सेशन में सबसे कम रही प्रोडक्टिविटी, 22 दिन में हुअा सिर्फ 17% काम

- पिछले साल विंटर सेशन 16 नवंबर से 9 दिसंबर तक रहा। नोटबंदी का विपक्ष ने विरोध किया और हंगामें की वजह से कामकाज नहीं हो सका।

- पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक, इस सेशन में लोकसभा में 16% तो राज्यसभा में 18% ही प्रोडक्टिविटी रही है। यानी एवरेज 17% कामकाज हुआ। यह मोदी सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में लोकसभा की सबसे कम प्रोडक्टिविटी थी।

- इस सेशन में कई जरूरी बिल पेश होने थे, लेकिन हंगामे की वजह से यह मुमकिन नहीं हो सका था। सिर्फ दो ही बिल पास हो सके। इनमें एक टैक्सेशन अमेंडमेंट बिल था, दूसरा राइट्स ऑफ पर्सन्स डिसएबिलिटी बिल-2014।

- टैक्सेशन अमेंडमेंट बिल भी इसलिए पास हुआ, क्योंकि यह फाइनेंस बिल था, जिसे राज्यसभा से पास होना जरूरी नहीं था।

अभी सरकार पर क्या आरोप लग रहे हैं?

- गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। नतीजे हिमाचल प्रदेश के साथ 18 दिसंबर को आएंगे। आमतौर पर पार्लियामेंट का विंटर सेशन नवंबर के तीसरे हफ्ते में शुरू होकर दिसंबर के तीसरे हफ्ते तक चलता है। सरकार ने अब इस सेशन को दिसंबर के दूसरे हफ्ते में शुरू करने का फैसला किया है।

सोनिया ने क्या आरोप लगाया?

- सोनिया गांधी ने सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग में कहा था कि मोदी सरकार अपने अहंकार में है। वो कमजोर आधार पर पार्लियामेंट के विंटर सेशन को नुकसान पहुंचा रही है। इससे पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी पर काली छाया पड़ रही है।

जेटली ने दिया था जवाब

- जेटली ने गुजरात के राजकोट में सोनिया के आरोपों पर जवाब दिया था। वो यहां सीएम विजय रूपाणी के नाॅमिनेशन की फाइलिंग के लिए आए थे।

- जेटली ने कहा था- "पहले भी चुनावों के मद्देनजर पार्लियामेंट सेशन का वक्त बदला जाता रहा है। कांग्रेस खुद ऐसा कई बार कर चुकी है। 2011 में भी कांग्रेस ने ऐसा ही किया था। यह तो एक परंपरा है जो कई बार दोहराई जा चुकी है। इलेक्शन के दौरान पार्लियामेंट सेशन को रिशेड्यूल किया जाता रहा है। पार्लियामेंट का विंटर सेशन जरूर होगा और तब कांग्रेस बेनकाब हो जाएगी।"

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