Friday, 23rd May 2025

व्यापमं: पीपुल्स मेडिकल कॉलेज पर सीट बेचने का आरोप, CBI पेश करेगी चार्जशीट

Thu, Nov 23, 2017 7:57 PM

भोपाल.पीएमटी-2012 मामले में सीबीआई गुरुवार को 592 आरोपियों के खिलाफ स्पेशल जज डीपी मिश्रा की कोर्ट में चार्जशीट पेश करेगी। जांच में सामने आया है कि सैकड़ों स्टूडेंट्स का करियर चौपट करने वाले इस घोटाले में पीपुल्स मेडिकल कॉलेज की बड़ी भूमिका रही है। पीपुल्स मैनेजमेंट मेरिट में आने वाले स्कोरर्स को कॉलेज की सरकारी कोटे की सीटों पर दिखावे के लिए एडमिशन देता था, फिर सीटें सरेंडर कराकर मनमाफिक दामों पर इन्हें बेचता था।

सीबीआई ने आरोपियों की बनाई लिस्ट

- सीबीआई ने आरोपियों की जो लिस्ट बनाई है उनमें पीपुल्स ग्रुप के चेयरमैन सुरेश एन. विजयवर्गीय, उनके दामाद और डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन अंबरीश शर्मा, पीपुल्स के मेडिकल डायरेक्टर अशोक नागनाथ, पीपुल्स यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर विजय कुमार पांडे और चिरायु मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. अजय गोयनका समेत दो अन्य मेडिकल कॉलेज के कर्ताधर्ता भी शामिल हैं।

घबराए आरोपियों ने अग्रिम जमानत अर्जी लगाई

- नोटिस मिलते ही आरोपी अग्रिम जमानत की तैयारी में जुट गए। ये सभी बुधवार को जिला अदालत में दौड़भाग करते नजर आए। कोर्ट में आरोपियों की ओर से बताया गया कि पीएमटी 2012 मामले में सीबीआई चार्जशीट पेश कर रही है।

- अपराध गैर-जमानती हैं। गिरफ्तारी हो सकती है। इसलिए अग्रिम जमानत की अर्जी पेश की गई है। बता दें कि ऐसे ही मामले में इंदौर के अरबिंदो मेडिकल कॉलेज के कर्ता-धर्ता डॉ. विनोद भंडारी लंबे समय तक जेल में रहे थे।

चार्जशीट में इनके नाम

-सुरेश एन विजयवर्गीय, अंबरीश शर्मा, डाॅ. अशोक नागनाथ, विजय कुमार पांडे, एससी तिवारी, चिरायु मेडिकल काॅलेज के डायरेक्टर डाॅ. अजय गोयनका, तत्कालीन डीएमई एनएम श्रीवास्तव, चेतेंद्र कुशवाह, नुसरत खान, डाॅ. रवि सक्सेना, डाॅ. विनायक भावसार, डाॅ. अशोक कुमार जैन, विनोद नारखेड़े, विनोद कुमार वर्मा, जयकृत सिंह, अशोक कुमार समेत अन्य।

सीबीआई को रैकेटियर शिवहरे से मिला सुराग

- जून 2016 में सीबीआई ने कानपुर के काकादेव में कोचिंग संचालक रमेशचंद्र शिवहरे को गिरफ्तार किया था।

- उसी ने पीपुल्स कॉलेज समेत दूसरे कॉलेजों में सरकारी कोटे की सीटों में चल रहे फर्जीवाड़े का खुलासा किया था।

- इसके बाद सीबीआई ने जून 2016 में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों से डॉक्युमेंट्स भी बरामद किए थे।

क्या था घोटाला?

- पीएमटी में 2000 करोड़ से ज्यादा का लेनदेन हुआ था।

- 5000 से ज्यादा स्टूडेंट्स पर इसका असर पड़ा, करिअर तबाह हुआ।

- मामले में 500 पेरेंट्स समेत करीब 2000 आरोपी हैं।

- 80 लाख रु. तक एमबीबीएस में दाखिले का रेट था।

- 1.5 करोड़ रु. तक प्रीपीजी दाखिले के लिए वसूले गए।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery