एजेंसी.न्यूयॉर्क एपल के नए फोन आईफोन-X की डिमांड पूरी करने के लिए सप्लायर कंपनी फॉक्सकॉन ने चीन में स्कूल के स्टूडेंट्स से काम करवाया। यह खुलासा बिजनेस अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने किया है। करीब 3,000 स्टूडेंट्स को सितंबर में फॉक्सकॉन के झेंगझाउ प्लांट में भेजा गया। उनसे रोजाना 11 घंटे काम लिया जाता था। हालांकि, एपल और फॉक्सकॉन, दोनों ने कहा है कि बच्चे ‘इंटर्नशिप’ के लिए स्वेच्छा से आए थे। काम के बदले उन्हें पैसे भी दिए गए।
- फॉक्सकॉन के पुराने इम्प्लॉइज का कहना है कि आईफोन के लिए अगस्त-दिसंबर में हर साल स्टूडेंट्स हायर किए जाते हैं। कई बार इनकी तादाद एक लाख तक हो जाती है। इस प्लांट में करीब 3 लाख कर्मचारी हैं। स्थानीय सरकार ने सभी वोकेशनल स्कूलों को निर्देश दे रखा है कि काम के एक्सपीरियंस के लिए वे स्टूडेंट्स को फॉक्सकॉन में भेजें।
- 17 से 19 साल के इन बच्चों ने बताया कि उन्हें तीन महीने के लिए फॉक्सकॉन के प्लांट में जबरन भेजा गया था। उनसे कहा गया कि ग्रेजुएशन की डिग्री के लिए ‘काम का अनुभव’ जरूरी है, जबकि यह सब उनके कोर्स में शामिल ही नहीं है।
- एक छात्रा ने बताया कि उससे रोजाना 1,200 आईफोन कैमरे की असेंबलिंग कराई जाती थी। फॉक्सकॉन के कर्मचारियों का दावा है कि यहां हर साल इंटर्नशिप के नाम पर बच्चों से काम कराया जाता है।
- चीन में फॉक्सकॉन के कई प्लांट हैं। इस पर सालों से ज्यादा काम लेने के आरोप लगते रहे हैं। कुछ इम्प्लॉइज ने तो रोजाना 18 घंटे काम करवाने का आरोप लगाया था। इसके प्लांटों में सुसाइड के 14 मामले अभी तक सामने आए हैं। 4 अन्य ने भी खुदकुशी की कोशिश की थी। कंपनी ने फैक्ट्री कैंपस में ही इम्प्लॉइज के रहने के लिए डॉरमेट्री बना रखी हैं।
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