Thursday, 22nd May 2025

42 फीसदी बच्चे स्कूल में खुद करते हैं सफाई, कई स्कूलों में शौचालय नहीं

Wed, Nov 22, 2017 6:57 PM

भोपाल। प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाई की स्थिति या व्यवस्था को बेहतर करने के लिए जितने भी दावे किए गए सब खोखले साबित हो रहे हैं। कहीं स्कूल में शौचालय नहीं हैं तो कहीं सफाई का जिम्मा खुद बच्चों पर हैं। वहीं स्कूलों में मिलने वाले मिड डे मील की गुणवत्ता भी ठीक नहीं हैं।

इतना ही नहीं बच्चों के साथ स्कूलों में भेदभाव भी किया जाता है। यह खुलासा विकास संवाद ने यूनिसेफ और दस संस्थाओं के साथ मिलकर प्रदेश के 10 जिलों के स्कूलों में किए गए सर्वे में हुआ है। संस्थाओं ने प्रदेश के भोपाल, पन्ना, रीवा, सतना, उमरिया, शिवपुरी, हरदा, खंडवा, झाबुआ, छतरपुर जिलों के करीब 2300 बच्चों पर यह सर्वे किया गया। सर्वे में प्राइमरी से लेकर हायर सेकंडरी स्कूलों के बच्चों को शामिल किया गया।

संस्थाओं ने स्कूलों में बच्चों से यह किए सवाल

शौचालय की स्थिति कैसी है?

 

20 फीसदी स्कूलों में शौचालय नहीं।

14 फीसदी स्कूलों में गंदा रहता है।

11 फीसदी स्कूलों में कंबाइंड है।

77 फीसदी स्कूलों में शौचालय साफ होना चाहिए।

42 फीसदी स्कूलों में बच्चे खुद साफ-सफाई करते हैं।

मिड डे मील कैसा मिलता है?

63 फीसदी स्कूलों में अच्छा

31 फीसदी स्कूलों में मिड डे मील की गुणवत्ता खराब

19 फीसदी बच्चे मिड डे मील नहीं खाते।

11 फीसदी बच्चों ने कहा ठीक-ठाक।

08 फीसदी बच्चों ने कहा वे जातीय भेदभाव के शिकार

शिक्षक की स्थिति ?

64 फीसदी बच्चों के लिए 3 शिक्षक।

25 फीसदी बच्चों के लिए 2 शिक्षक।

08 फीसदी बच्चों पर सिर्फ एक ही शिक्षक।

03 फीसदी स्कूल शिक्षक विहीन।

पढ़ाई की स्थिति ?

08 फीसदी ने कहा पढ़ाई अच्छी नहीं।

40 फीसदी ने कहा अच्छी है।

52 फीसदी ने जवाब नहीं दिया।

पुस्तकालय की स्थिति ?

47 फीसदी स्कूलों में नहीं।

33 फीसदी ने कहा है।

20 फीसदी स्कूलों में बंद है।

25 फीसदी को पसंद की किताबें नहीं मिलती।

08 फीसदी को किताबें नहीं मिलती।

इन बच्चों पर किया गया सर्वे

257 बच्चे 6 से 9 वर्ष के

1483 बच्चे 10 से 14 वर्ष के

552 बच्चे 15 से 18 वर्ष

बच्चों को झेलना पड़ता है अपमान

घर और समाज में बच्चों को अपमान भी झेलना पड़ता है। सर्वे में 28 प्रतिशत बच्चों ने कहा कि उन्हें घर, स्कूल या बाहर अपशब्द कहे जाते हैं। स्कूल जाते समय बच्चों को किससे डर लगता है पूछने पर 35 प्रतिशत बच्चों ने कहा कि उन्हें शराब पीकर चलने वालों से डर लगता है, 28 प्रतिशत बच्चों ने कहा कि उन्हें अवारा जानवरों से डर लगता है।

इनका कहना है

जहां एक तरफ स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। वहीं सर्वे में जो बातें सामने आई वो चौंकाने वाली हैं। बच्चों के साथ आज भी भेदभाव होता है। उन्हें स्कूल में आज भी खुद ही साफ-सफाई करनी पड़ती है। 

 

राकेश मालवीय, चाइल्ड सोशल एक्टिविस्ट

सर्वे रिपोर्ट मिले तो जांच कराएंगे

प्रदेश में 1 लाख 21 हजार स्कूल हैं। किस जिले का कौन सा स्कूल है, जब सर्वे रिपोर्ट मिलेगी तो जांच कर हम कार्रवाई करेंगे। 

 

दीप्ति गौड़ मुखर्जी, प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा

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