भोपाल। पेट्रोल और डीजल भी जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के दायरे में आ सकते हैं। इसको लेकर मांग तेजी के साथ उठ रही है। केंद्र स्तर पर इस पर विचार चल रहा है। जब जीएसटी काउंसिल के सामने यह विषय आएगा तो राज्य की ओर से हम अपना पक्ष रखेंगे। यह बात कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री जयंत मलैया ने सवालों का जवाब देते हुए कही।
वित्त मंत्री ने बताया कि पेट्रोल-डीजल से वैट घटने पर राज्य की आय प्रभावित हुई है। बिक्री बढ़ने से कुछ भरपाई भी हुई है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की बात उठ रही है। जीएसटी काउंसिल के सामने जब यह विषय आएगा तो राज्य सरकार का पक्ष रखा जाएगा।
जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व आय घटने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि अभी आंकड़े नहीं देखे हैं। विस्तार से देखने पर ही कुछ कहा जा सकेगा। राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के तहत 2017-18 की पहली छमाही के आय-व्यय का समीक्षा विवरण विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। इसे 26 नवंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इससे साफ हो जाएगा कि सरकार की आय पर जीएसटी का क्या फर्क पड़ा है।
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