Monday, 14th July 2025

प्रद्युम्न मर्डर: बस कंडक्टर को 73 दिन बाद मिली बेल, CBI ने किया था विरोध

Tue, Nov 21, 2017 10:59 PM

गुड़गांव. प्रद्युम्न मर्डर केस में मंगलवार को एडिशनल सेशंस जज रजनी यादव ने आरोपी बस कंडक्टर अशोक कुमार को 73 दिन बाद बेल दे दी। अशोक को 8 सितंबर को हरियाणा पुलिस ने अरेस्ट किया था। सोमवार को कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी-अपनी दलीलें दी थीं। इसके बाद कोर्ट ने मंगलवार तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

 

40 मिनट हुई थी सुनवाई

- सोमवार को मामले की सुनवाई दोपहर 12 बजे डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में शुरू हुई। सीबीआई के 5 अधिकारी वकील के साथ, वरुण ठाकुर (प्रद्युम्न के पिता) और उनके वकील सुशील टेकरीवाल और अशोक के वकील मोहित वर्मा कोर्ट में मौजूद रहे। कोर्ट में ज्यूरिस्डिक्शन पर बहस हुई। इसमें सीबीआई ने सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन पेश किया गया।

- करीब 40 मिनट तक मामले पर सुनवाई हुई। सीबीआई ने मामले से जुड़े डाक्युमेंट भी कोर्ट में पेश किए। सीबीआई का कहना है कि उसका ज्यूडिशियल एरिया पंचकूला पड़ता है। वहीं सीबीआई की स्पेशल कोर्ट है, इसलिए सुनवाई वहीं होनी चाहिए।

मंगलवार का दिन होगा बेहद अहम

- 21 नवंबर को गुड़गांव कोर्ट अशोक की जमानत और ज्यूरिस्डिक्शन पर फैसला देगी। वहीं पंजाब एंड हरियाणा कोर्ट पिंटो परिवार की अग्रिम जमानत पर फैसला देगी। 22 नवंबर को आरोपी 11वीं के छात्र को जेजे बोर्ड में सीबीआई पेश करेगी।

- प्रद्युम्न हत्याकांड मामले को लेकर सुनवाई के दौरान पिंटो परिवार के वकील आयुष जैन भी पहुंचे। पिंटो परिवार की जमानत पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में मंगलवार को ही फैसला आना है। ऐसे में वो भी मामले पर नजर रखे हैं।

डीएनए रिपोर्ट में ब्लड सैंपल मैच नहीं हुए : मोहित
- अशोक के वकील मोहित वर्मा ने बताया कि कोर्ट में सीबीआई ने आरोपी अशोक की डीएनए टेस्ट और फोरेंसिक रिपोर्ट पेश की। ब्लड सैंपल मैच नहीं हुआ। अशोक को जमानत मिलनी चाहिए।

- सोमवार को सुनवाई के दौरान अशोक के कई रिश्तेदार कोर्ट पहुंचे। कोर्ट की कार्रवाई के बाद फिर परिजन को मायूसी हाथ लगी। वकील मोहित ने कहा कि जब सीबीआई ने छात्र को आरोपी मानते हुए गिरफ्तार कर लिया फिर क्लीन चिट देने में क्या दिक्कत है।

सीबीआई ने अशोक की जमानत का विरोध किया

- कोर्ट में सीबीआई वकील ने कहा कि केस की अभी जांच चल रही है। कंडक्टर अशोक को क्लीन चिट नहीं दी गई है। सभी फैक्ट्स पर हमारी नजर है। केस में जब तक सीबीआई चार्जशीट पेश नहीं कर देती, तब तक किसी को क्लीनचिट नहीं दी जा सकती।

- सीबीआई पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि अशोक को इस स्टेज पर राहत नहीं दी जा सकती, भले ही सीबीआई ने मामले में छात्र को आरोपी बनाया हो।

वरुण के वकील बोले- केस में पॉक्सो एक्ट कठिनाई

- वरुण के वकील सुशील टेकरीवाल ने बताया कि गुड़गांव पुलिस मामले की जांच करती तो कोई विवाद था ही नहीं। चूंकि मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है और उसकी स्पेशल कोर्ट पंचकूला में है। ऐसे में मामला गुड़गांव कोर्ट या पंचकूला कोर्ट में हो, इसकी स्थिति पहले स्पष्ट होनी चाहिए। टेकरीवाल ने बताया कि गुड़गांव पुलिस ने प्रद्युम्न मर्डर में आरोपी कंडक्टर अशोक पर हत्या, आर्म्स और पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज किया है।

- "पॉक्सो एक्ट के मामले की जिला कोर्ट में सुनवाई होनी चाहिए। हालांकि अब केस की जांच सीबीआई कर रही है और कंडक्टर अशोक को आरोपी नहीं माना है। ऐसे में पॉक्सो एक्ट का मतलब नहीं है। सीबीआई ने 11वीं के स्टूडेंट को अरेस्ट किया है। स्टूडेंट अगर एडल्ट घोषित होता है तो उसके लिए अलग गुड़गांव कोर्ट में सुनवाई होगी। यदि आरोपी नाबालिग घोषित होता है कि उसके लिए जुवेनाइल कोर्ट में सुनवाई होगी। ऐसे में इस केस में काफी पेचीदगी है। कोर्ट का क्षेत्राधिकार (ज्यूरिस्डिक्शन) पहले तय होना चाहिए।

कब हुआ था रेयान स्कूल में मर्डर?
- गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 8 सितंबर को 7 साल के बच्चे का मर्डर कर दिया गया था। बॉडी टॉयलेट में मिली थी। इस मामले में पुलिस ने स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार को अरेस्ट किया था। आरोपी 8 महीने पहले ही स्कूल में कंडक्टर की नौकरी पर लगा था।
- अशोक ने मीडिया को बताया था, ''मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी। मैं बच्चों के टॉयलेट में था। वहां गलत काम कर रहा था। तभी वह बच्चा आ गया। उसने मुझे देख लिया। मैंने उसे पहले देखा धक्का दिया। फिर खींच लिया। वह शोर मचाने लगा तो मैं डर गया। फिर मैंने उसे दो बार चाकू से मारा। उसका गला रेत दिया।''
- बाद में सीबीआई ने जांच की। इसके बाद 11वीं के स्टूडेंट को इस मर्डर केस में आरोपी बनाया गया।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery