Thursday, 22nd May 2025

CPEC को नुकसान नहीं पहुंचा रहा भारत, पाक जनरल के आरोप गलत: चीन

Tue, Nov 21, 2017 7:01 PM

बीजिंग/नई दिल्ली. चीन ने पाकिस्तान के उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था भारत चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) को नुकसान पहुंचा रहा है। बता दें कि कुछ दिन पहले पाकिस्तान आर्मी के एक टॉप जनरल ने आरोप लगाया था कि भारत की खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) ने CPEC को नाकाम करने के लिए 5 करोड़ डॉलर खर्च कर एक स्पेशल इंटेलिजेंस सेल बनाया है। पाकिस्तान के इसी आरोप को चीन ने नकार दिया है।

 

क्या कहा था पाकिस्तान के चीफ ऑफ स्टाफ ने?

- पाकिस्तान की ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन जनरल जुबैर महमूद हयात ने 14 नवंबर को सीपैक और भारत को लेकर एक बयान दिया था। 
- हयात ने कहा था कि भारत की खुफिया एजेंसी RAW ने 5 करोड़ डॉलर की लागत से एक स्पेशल इंटेलिजेंस सेल बनाया है। इस सेल को इसलिए बनाया गया है ताकि ये CPEC को नुकसान पहुंचा सके और उस इलाके में हालात खराब किए जा सकें।

 

बलूचिस्तान में आतंकवाद फैला रहा है भारत

- हयात ने ये भी आरोप लगाया था कि भारत पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवाद फैला रहा है। बता दें कि सीपैक का ज्यादातर हिस्सा बलूचिस्तान से ही होकर गुजरता है और यहां बलूच लोग आजादी की मांग कर रहे हैं। 
- हालांकि, हयात ऐसे पहले पाकिस्तानी जनरल नहीं हैं जिन्होंने भारत पर सीपैक को तबाह करने की साजिश रचने के आरोप लगाए हों। इसके पहले भी पाकिस्तान आर्मी और वहां के कुछ नेता भारत और खासकर रॉ पर इस तरह के आरोप लगाते रहे हैं। 
- सीपैक में काम कर रहे वर्कर्स पर बलूचिस्तान नेश्नलिस्ट फोर्स और इस्लामिक स्टेट के लोगों ने कई हमले किए हैं। सीपैक चीन के शिनजियांग प्रॉविंस से बलूचिस्तान के ग्वादर पोर्ट तक जाएगा।

 

चीन ने क्या कहा?

- चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन लु कांग ने सोमवार को मीडिया के सवालों के जवाब में कहा- हमारे पास इस तरह की कोई रिपोर्ट नहीं है जिससे पाकिस्तानी जनरल के आरोप साबित होते हों। हम उम्मीद करते हैं सीपैक को रीजनल और इंटरनेशनल लेवल पर सपोर्ट हासिल होगा।
- कांग ने कहा- चीन और पाकिस्तान फ्यूचर को देखते हुए सीपैक तैयार कर रहे हैं। इससे रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ेगी और सभी खुशहाल होंगे।

 

चीन का बयान अहम क्यों?

- चीन का इस मामले में पाकिस्तान का साथ ना देना काफी मायने रखता है। दो वजहें खास हैं। एक- चीन पाकिस्तान को अपना सदाबहार दोस्त बताता रहा है। दूसरा- भारत और चीन के बीच हाल ही में डोकलाम विवाद हो चुका है।

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