जोहांसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका में भारत के महावाणिज्य दूत के डरबन स्थित सरकारी आवास पर आठ सशस्त्र लुटेरों ने जमकर लूटपाट की।
साथ ही बंदूक की नोक पर उनके बच्चों, घरेलू स्टॉफ और घर पढ़ाने आए टीचर को भी कुछ समय तक बंधक बनाए रखा। इस वारदात पर रोष जताते हुए भारत ने दक्षिण अफ्रीका को विएना सम्मेलन के तहत राजनयिक स्टाफ और उसकी संपत्ति की रक्षा करने की जिम्मेदारी याद दिलाई है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शशांक विक्रम से फोन पर बात की और उनके परिजनों का हालचाल पूछा। बताया जाता है कि महावाणिज्य दूत शशांक विक्रम के परिजन, उनके घरेलू स्टाफ के कुछ सदस्य और एक टीचर को उनके इन्स रोड स्थित आवास पर विगत शनिवार की शाम को बंधक बनाकर रखा गया।
इन बंधकों में पांच साल और दस साल के उनके दो बच्चे भी शामिल हैं। अफ्रीकी लुटेरों ने शशांक विक्रम के पांच साल के बेटे पर बंदूक तान रखी थी। लुटेरे मुख्यद्वार तोड़ते हुए सरकारी आवास में घुस आए और रास्ते में आए एक गार्ड पर भी हमला किया।
हमले के वक्त शशांक विक्रम की पत्नी मेघा सिंह और उनके दोनों बच्चे घर पर ही थे। दस मिनट तक लुटेरे ने शशांक विक्रम के पांच साल के बेटे को बंदूक की नोक पर रखकर नकद और सोने की मांग की।
सबसे पहले लुटेरों ने हॉल में ट्यूशन पढ़ रहे पांच साल के बच्चे को बंधक बनाया। फिर वह सीढ़ियां चढ़कर ऊपर गए और टीवी देख रही पत्नी मेघा और दस साल के बेटे को अपने कब्जे में लिया।
हमलावरों ने पूरी इमारत को तहस-नहस कर दिया। लुटेरों ने मेघा सिंह को घेरकर उनसे उस सेफ की जानकारी मांगी जो उनके यहां थी ही नहीं। मौका देखकर मेघा अपने बड़े बेटे के साथ मुख्य बेडरूम में भागीं जहां उन्होंने सुरक्षा अलार्म बजा दिया।
इससे डरबन के ही उम्हलंगा इलाके में मीटिंग कर रहे उनके पति शशांक विक्रम को हमले की खबर लग गई। रिपोर्ट के मुताबिक विक्रम तत्काल अपने घर को रवाना हुए। वह सुरक्षा अधिकारियों के वहां पहुंचने से पहले ही घर पहुंच गए।
गौरतलब है कि सुरक्षा में इतनी बड़ी सेंध के बाद सुरक्षा अलार्म बजने पर भी सुरक्षा कर्मी बीस मिनट बाद घर के अंदर पहुंचे। हालांकि भारतीय राजनयिक एसके पांडेय ने बताया कि किसी को भी इस दौरान शारीरिक चोट नहीं पहुंची है। बंधक बनाए गए सभी लोग ठीक हैं, पर अब भी डरे हुए हैं।
इन सभी लोगों की काउंसिलिंग कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि भागते हुए लुटेरे घर से कुछ छोटे-मोटे सामान और एक घरेलू नौकर का सेल फोन छीन ले गए। इसके जरिए वारदात के कुछ सुराग मिल सकते हैं।
इस बीच, रविवार को ही भारत सरकार ने वह लूटपाट के इस मामले को दक्षिण अफ्रीकी प्रशासन के समक्ष उठाएगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि संबंधित प्रशासन के समक्ष मामला उठाया गया है। मामले की जांच चल रही है। उल्लेखनीय है कि भारतीय मूल के आठ लाख लोग डरबन में रहते हैं।
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