भिलाई(रायपुर)। दुर्ग और रायपुर कोर्ट में जमानत दिलाने के नाम पर सालों से चल रहे एक गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। गिरोह के तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है। पुलिस के अनुसार आरोपी जमानत दिलाने के नाम पर कोर्ट में फर्जी ऋण पुस्तिका पेश करते थे। साथ ही दुर्ग और धमधा तहसीलदार की फर्जी मुहर का भी इस्तेमाल करते थे। यह खेल पिछले 8 साल से चल रहा था। जिसकी भनक न तो पुलिस को लगी और न ही प्रशासन को।
- पुलिस ने बताया कि, आरोपी भिलाई नगर निवासी संजय द्विवेदी उर्फ गुड्डा महाराज (39), जागृति चौक शंकर नगर निवासी राजकुमार मेश्राम और पिपरछेड़ी पुलगांव निवासी विनोद पिता रामकुमार निषाद (23) के कब्जे से 103 फर्जी ऋण पुस्तिका, सील मुहर, स्टांप और 30 पासपोर्ट साइज फोटो मिली है। मामले में दो से तीन और आरोपी फरार बताए जा रहे हैं।
- फर्जी कागजात लगाकर जमानत मिलने की वजह से पुलिस आरोपी तक समन और वारंट नहीं पहुंचा पा रही थी। जिस कारण न्यायालय के पेडिंग मामलों का निराकरण नहीं हो पा रहा था। दुर्ग पुलिस फर्जी ऋण पुस्तिका तैयार कर जमानत लेने वालों की तलाश शुरु कर दी।
- पुलिस न्यायालय परिसर में घूमने वाले बाहरी लोगों पर निगाह रखने लगी। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि कोई व्यक्ति ऋण पुस्तिका के साथ जमानत के लिए न्यायालय में घूमते हैं। लेकिन उनके पास खुद की कोई जमीन नहीं हैं। पुलिस लगातार जांच कर रही थी।
इमान धर्म फिल्म की तर्ज पर कर रहे थे काम
- टीआई भावेश साव ने बताया कि, आरोपियों ने इमान धर्म फिल्म की तर्ज पर फर्जी ऋण पुस्तिका बनाकर पिछले आठ साल से इस खेल से अंजाम दे रहे थे। इनका गिरोह पूरे प्रदेश में फैला है।
- गिरोह आरोपी की जमानत लेने वाले युवक का फर्जी ऋण पुस्तिका में नाम लिखकर उसकी फोटो लगाकर दुर्ग और धमधा के तहसीलदार की मुहर लगाकर दिया करते थे। जमानत लेने वाले युवक को आरोपी 250 रुपए दिया करते थे। बाकी की बची हुई रकम आरोपियों द्वारा स्वयं रखते थे।
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