Friday, 23rd May 2025

जिम्बाब्वे में राजनीतिक संकट जारी, मुगाबे ने सत्ता छोड़ने से किया इनकार

Sat, Nov 18, 2017 4:57 PM

इंटरनेशनल डेस्क. जिम्बाब्वे में तख्तापलट के बाद से अबतक राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे के राजनीतिक भविष्य को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। सूत्रों के मुताबिक, मुगाबे अब भी अपने प्रेसिडेंट बने रहने की जिद पर अड़े हैं। उन्होंने कुर्सी छोड़ने से इनकार कर दिया है। हालांकि, मिलिट्री ने जल्द ही इस मामले को सुलझाने के संकेत दे दिए हैं। दरअसल, नजरबंद होने के बाद से ही मुगाबे और देश के बड़े नेताओं के साथ मिलिट्री चीफ कॉन्सटेन्टीनो चिवेंगा के बीच मीटिंग्स का सिलसिला जारी है। माना जा रहा है कि सभी पक्ष मुगाबे को पद से हटाने पर सहमत हो चुके हैं।

 


- पिछले 37 साल से सत्ता पर काबिज मुगाबे को सिंहासन छोड़ने के मूड में कतई नहीं दिखाई दे रहे हैं। सैन्य प्रमुख के साथ हाथ मिलाते हुए उनका जो फोटो मीडिया में जारी हुआ है, उसे देखकर भी संशय होता है कि क्या वो सत्ता को इतनी जल्दी छोड़ने को तैयार हैं या नहीं।

- मिलिट्री के करीबी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मिलिट्री अफसरों ने शुक्रवार सुबह मुगाबे से मुलाकात की थी। उन्होंने पद छोड़ने से इनकार कर दिया है। वो कि वक्त निकालने की कोशिश कर रहे हैं। 
- अफ्रीकी मामलों के कार्यवाहक अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड यामामोटो ने एक इंटरव्यू में इस बात को पूरी तरह खारिज किया है कि मुगाबे अब सत्ता में किसी भी रूप में रह सकते हैं। उन्होंने कहा "यह जिम्बाब्वे के लिए एक नए दौर की शुरुआत है और हम इसी की उम्मीद कर रहे हैं।"

 

पूर्व उप-राष्ट्रपति संभाल सकते हैं सत्ता
सेना चाहती है कि वह चुपचाप सत्ता से हट जाए और उप राष्ट्रपति एमरसन मांगागवा को सत्ता की कमान सौंप दे। उन्हें पिछले हफ्ते ही मुगाबे ने पद से हटा दिया था जिसके बाद देश में राजनीतिक संकट पैदा हो गया था। इस तख्ता पलट के पीछे सेना का एक मकसद यह भी है कि वह सत्ता की कमान अपनी पत्नी ग्रेस को नहीं साैंपें। राजनीतिक गलियारों में ग्रेस की पकड़ बहुत मजबूत है और उप राष्ट्रपति की बर्खास्तगी के पीछे भी उन्हीं का ही हाथ माना जा रहा है।

 

अभी भी राष्ट्रपति बने रहना चाहते हैं मुगाबे
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जनता के बीच निर्बल नेता के रूप में साबित हो चुके मुगाबे अभी भी वैधानिक सत्ता प्रमुख बने रहना चाहते है और यही वजह है कि वह सत्ता छोड़ने को राजी नहीं है लेकिन उन पर सत्ता से हटने का लगातार दबाव बनाया जा रहा है ताकि वह सम्मानजनक तरीके से अपनी राजनीतिक विदाई करा लें।

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