रायगढ़. लैलूंगा विधानसभा में लंबे समय से लोग बुनियादी सुविधाओं को लेकर परेशान हैं। यहां सड़क, बिजली व पानी को लेकर ग्रामीणों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। कुछ इसी तरह की स्थिति ग्राम केराबहार ग्राम पंचायत में देखने को मिली है। जहां कुछ दूरी को पूरा करने के लिए पुल तक नहीं बना है। ऐसे में ग्रामीणों ने ही यहां बांस का पुल बना कर अपनी दूरी को पूरी कर रहे हैं। इसके बाद भी क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को इनकी सुध लेने की कोई चिंता नहीं है और ग्रामीण यहां हर दिन परेशान हैं।
जिले के विकास को लेकर सरकार के द्वारा कई बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन उनके दावे कुछ ही जगह तक सीमित हैं और ग्रामीण क्षेत्र में उनके दावों की पोल खुल कर रह जाती है। कुछ इसी तरह की स्थिति लैलूंगा विधानसभा में देखने को मिल रही है। क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत केराबहार में पिछले लंबे समय से पुल निर्माण की मांग की जा रही है, लेकिन उनके दुख दर्द को सूनने वाला कोई भी नहीं है। यही कारण है कि हर दिन यहां ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीणों ने बताया कि केराबहार में पुल की मांग करते-करते जब वे थक गए तो ग्रामीणों ने ही खुद बांस का पुल बना लिया और उस पर अपनी जान जोखिम में डाल कर मंजिल को पूरी कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि लैलूंगा विधानसभा में भाजपा की विधायक सुनीति राठिया है और प्रदेश से लेकर केंद्र तक भाजपा की सरकार है, पर ग्रामीण क्षेत्र की बुनियादी सुविधाओं को पूरा कर पाने वे सफल नहीं है। ऐसे में हर दिन यहां लोग परेशान हो रहे हैं और उनकी परेशानी देखने वाला यहां कोई भी नहीं है।
जान का बना हुआ खतरा
ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के समय में परेशानी अधिक बढ़ जाती है। बांस का पुल बना कर सफर तो तय किया जा रहा है, लेकिन इस दौरान जान का खतरा भी बना रहता है। बच्चे, बुढ़े सभी इस बांस के बने पुल का उपयोग करते हैं। ऐसे में कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना भी घटित हो सकती है।
डॉक्टर तक नहीं पहुंच पाते
गांव की सरपंच सरस्वती बाई का कहना है कि बारिश के समय बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। यही नहीं इलाज के लिए कोई डॉक्टर वहां तक नहीं पहुंच पाते हैं। इस दौरान केराबहार गांव टापू बनकर रह जाता है। बिमारी बढऩे के बाद लोगों को मौत तक का सामना करना पड़ता है। क्योंकि पुल नहीं होने के कारण कोई वाहन मौके तक नही पहुंचती
वर्सन
मीडिया के माध्यम से मुझे जानकारी मिली है पुल बनाने के लिये मांग पत्र बनाकर शासन को भेजा जाएगा।
अनुज पटेल
तहसीलदार, लैलूंगा
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