Thursday, 22nd May 2025

नाबालिग को था 5 माह का गर्भ, न डॉक्टर जान पाए और न टीचर, क्लास की है टॉपर

Fri, Nov 17, 2017 8:01 PM

कांकेर।10वीं कक्षा में पढ़ने वाली 15 साल की नाबालिग की डिलीवरी मामले में डॉक्टरों की लापरवाही भी सामने आई है। 4 महीने पहले चिरायु योजना के तहत क्लास की सभी लड़कियों और लड़कों की हेल्थ जांच की गई थी। उस जांच के दौरान भी डॉक्टर ये पकड़ नहीं पाए कि नाबालिग को 5 माह का गर्भ है। इधर स्कूल प्रशासन का ये कहना कि ये मेधावी छात्रा है और नियमित स्कूल आती है। डिलीवरी के एक दिन पहले तक वो स्कूल आई पर कोई ये न जान सका कि उसे 9 माह का गर्भ है। नाबालिग और पैरेंट्स के खिलाफ भी मामला दर्ज...


- मां बनने वाली नाबालिग छात्रा जिस स्कूल में पढ़ती थी वहां के प्राचार्य बसंत दीवान ने बताया कि उक्त छात्रा मंगलवार तक नियमित स्कूल आ रही थी। पढ़ने में भी छात्रा ठीक है और कई बार टॉप पर रहती है।
- स्कूल के सभी टीचर्स से भी पूछताछ की गई, लेकिन सब का कहना है किसी को इस संबंध में थोड़ा भी अंदेशा नहीं हुआ।


हेल्थ जांच के नाम पर खानापूर्ति


- घटना के बाद एक और बात सामने आई है कि बच्चों के हेल्थ जांच के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है।
- प्राचार्य के अनुसार चार महीने पहले जुलाई माह में स्कूल में सभी छात्र-छात्राओं का डाक्टरों की टीम ने पहुंच चिरायु योजना के तहत स्वास्थ्य परीक्षण किया था।
- उक्त छात्रा का चिरायु कार्ड निकाल कर देखा गया है। डाक्टरों की रिर्पोट के अनुसार छात्रा सामान्य थी, जबकि हकीकत ये है की चार महीने पहले छात्रा को पांच माह का गर्भ था।
- ये घटना उजागर करती है की स्कूलों में चिरायु योजना के तहत छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण के नाम पर मात्र खानापूर्ति ही होती है।


नाबालिग व माता-पिता के खिलाफ मामला दर्ज


- पिपरौद में नवजात को बाड़ी में फेंकने वाली नाबालिग व उनके माता पिता के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
- ग्रामीणों से सूचना मिलने के बाद पुलिस ने रात में ही गांव पहुंच ग्रामीणों की शिकायत पर नाबालिग के घर को सील कर दिया था।
- सुबह पहुंचकर जांच की। इसके बाद नाबालिग व उसके पिता, मां के खिलाफ धारा 317, 34 के तहत मामला दर्ज किया है।

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