इंदौर । इंदौर (महू)-मनमाड़ रेल लाइन को केंद्रीय स्तर पर अंतिम मंजूरी मिलने से महाराष्ट्र के साथ मालवा-निमाड़ के पिछड़े क्षेत्रों की भी तकदीर बदलेगी। दशकों से रेल लाइन के लिए तरस रहे छोटे-बड़े शहरों के विकास को इससे रफ्तार मिलेगी। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन प्रोजेक्ट से 40 रेलवे स्टेशनों को फायदा होगा। इनमें से छह स्टेशन अभी रेल सुविधा से जुड़े हैं। इसके अलावा सभी शहरों और गांवों में पहली बार मनमाड़ लाइन के रूप में रेलवे की आमद होगी।
इंदौर-मनमाड़ लाइन बिछने से मध्यप्रदेश के खाते में 13 नए रेलवे स्टेशन (महू को छोड़कर) आएंगे। इनमें मालवन, सेंधवा, ओजर, जुलवानिया, लिंगवा, खजूरी, कुंडनमाल, ठीकरी, निमरानी, धामनोद, काकड़दा, नांदेड़ और कैलोद जैसे शहर शामिल हैं। महू रेलवे स्टेशन पर भी मनमाड़ लाइन के लिए एक या दो नए प्लेटफॉर्म बनाना होंगे। मनमाड़ लाइन निर्माण के दौरान महाराष्ट्र के 26 रेलवे स्टेशनों को फायदा होगा। इनमें से पांच शहर मनमाड़, बोरविहिर, मोहादी, धुले और नरडाणा पहले ही रेल सेवा से जुड़े हैं। यह लाइन मप्र के तीन और महाराष्ट्र के चार जिलों से होती हुई बिछेगी।
पहले 339 किमी थी दूरी, अब 15 किमी बढ़ गई
पहले महू-मनमाड़ रेल लाइन की दूरी 339 किलोमीटर थी, जबकि हाल ही में हुई अंतिम स्वीकृति में रेल मार्ग की लंबाई 354 किलोमीटर बताई गई है। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन संघर्ष समिति के प्रमुख मनोज मराठे का कहना है इस बारे में सर्वे करने वालों से जानकारी ली गई तो उनका तर्क था कि कई बार भौगोलिक स्थिति के कारण लाइन को घुमाना पड़ता है। इसी तरह कहीं खाई या नदी आने पर ट्रैक अलाइनमेंट बदलना पड़ता है, जिससे लंबाई बढ़ती है। मप्र में मनमाड़ लाइन का करीब 150 किमी जबकि महाराष्ट्र में 200 किमी हिस्सा रहेगा।
दो टनल बनाने का प्रस्ताव, एक टनल 9.50 किमी तो दूसरी पांच किमी लंबी
रेलवे द्वारा तैयार मूल प्रोजेक्ट में मनमाड़ प्रोजेक्ट के तहत दो टनल बनाने की योजना थी। इनमें एक टनल 9.50 किमी और दूसरी पांच किमी लंबी प्रस्तावित थी। इसके अलावा आठ महत्वपूर्ण, 66 बड़े और 118 मध्यम आकार के ब्रिज बनाने की योजना है। प्रोजेक्ट में 103 रेल अंडरब्रिज और ओवरब्रिज के अलावा नौ लेवल क्रॉसिंग बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
इस तरह पास आएंगे इंदौर-मुंबई
वर्तमान में इंदौर-मुंबई की दूरी देवास, उज्जैन, रतलाम, वडोदरा और सूरत होते हुए 830 किलोमीटर है। इंदौर-मनमाड़ लाइन से यह दूरी घटकर 644 किलोमीटर रह जाएगी। इंदौर-मनमाड़ लाइन 354 किमी लंबी होगी, जबकि मनमाड़ से मुंबई की दूरी 290 किमी है। इस तरह सीधे-सीधे 186 किमी का सफर यात्रियों को कम करना पड़ेगा। साथ ही चार-पांच घंटे की बचत होगी और किराया भी कम होगा। व्यावसायिक दृष्टि से भी यह रेल मार्ग फायदेमंद होगा। इसी के साथ मनमाड़ लाइन से इंदौर-पुणे की दूरी भी घटेगी। नई रेल लाइन इंदौर से मनमाड़-दौंड होते हुए पुणे के लिए नया छोटा वैकल्पिक रेल मार्ग उपलब्ध कराएगी।
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