Sunday, 13th July 2025

जिम्बाब्वे में राजनीतिक संकट: मिलिट्री एक्शन के बाद प्रेसिडेंट मुगाबे घर में नजरबंद

Thu, Nov 16, 2017 6:41 PM

हरारे. जिम्बाब्वे की राजधानी हरारे को सेना ने अपने कंट्रोल में ले लिया है। प्रेसिडेंट रॉबर्ट मुगाबे को हाउस अरेस्ट करके रखा गया है। वहीं, बाकी सीनियर गर्वंमेंट अफसरों को हिरासत में ले लिया गया है। राजधानी हरारे में सुबह से ही गोलीबारी और धमाकों की आवाज सुनी गई। शहर में हर तरफ सेना और आर्मी टैंक तैनात दिखे। हालांकि, सेना ने तख्तापलट की खबरों को खारिज कर दिया। सेना ने कहा कि प्रेसिडेंट रॉबर्ट मुगाबे बिल्कुल सुरक्षित हैं और ये कार्रवाई क्रिमिनल्स को टारगेट करने के लिए की गई। बता दें कि पिछले दिनों हुई वाइस प्रेसिडेंट एमरसन मनांगग्वा की बर्खास्तगी को लेकर मुगाबे और सेना प्रमुख जनरल कान्सटैनटिनो चिवेंगा के बीच तनाव बढ़ गया है।

 

मुगाबे अपने ही घर में नजरबंद
- साउथ अफ्रीका के प्रेसिडेंट जैकब जूमा ने उन्हें घर में नजरबंद किए जाने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि मुगाबे से उन्होंने फोन पर बात की। उन्होंने बताया कि उन्हें घर में ही बंद कर रखा गया है, लेकिन वो ठीक हैं।

- अपोजीशन के एमपी एडी क्रॉस ने बताया कि मुगाबे की वाइफ ग्रेस मुगाबे देश छोड़ नामीबिया भाग गई हैं। उन्हें मंगलवार रात देश छोड़ने की परमिशन मिली। यही दावा रूलिंग पार्टी के रिप्रेजेन्टेटिव निक मंगवाना ने भी किया।

- रिपोर्ट्स ये भी हैं कि बर्खास्त किए गए वाइस प्रेसिडेंट एमरसन मनांगग्वा निर्वासन से लौट आए हैं। 75 साल के एमरसन जिम्बाब्वे के 1970 लिबरेशन वॉर के दिग्गजों में से हैं।

 

 

 

 

मिलिट्री ने अपने स्टेटमेंट में क्या कहा?

- नेशनल ब्रॉडकास्टर जेडबीसी पर मेजर जनरल सिबुसिसो मोयो ने कहा, "हम देश को ये भरोसा दिलाना चाहते हैं कि प्रेसिडेंट और उनकी फैमिली सुरक्षित है। हम उनकी सिक्युरिटी की जिम्मेदारी लेते हैं। हम सिर्फ उनके आस-पास मौजूद क्रिमिनल्स को निशाना बना रहे हैं। ये क्रिमिनल देश के बिगड़ते सामाजिक और आर्थिक हालात की असली वजह हैं। जितनी जल्दी मिशन पूरा हो जाएगा, हमें उम्मीद है उतनी जल्दी हालात सामान्य हो जाएंगे।"

अपने एक्शन पर मिलिट्री ने क्या कहा?

 

नागरिक शांत रहें:सेना ने देश के नागरिकों को शांत रहने की सलाह दी है और बेवजह मूवमेंट करने से मना किया है।

ज्यूडिशियरी की आजादी बनी रहेगी:मिलिट्री ने ज्यूडिशरी को भी भरोसा दिलाया है कि उनकी आजादी पर किसी तरह की कोई आंच नहीं आएगी।

सिक्युरिटी फोर्सेस को-ऑपरेट करे:सेना ने सिक्युरिटी फोर्सेस से कहा है कि उन्हें सेना को को-ऑपरेट करना चाहिए। किसी भी तरह के गलत कदम का उन्हें माकूल जवाब मिलेगा। इसके साथ ही मिलिट्री फोर्स की सभी छुट्टियां कैंसल कर दी गई हैं।

 

चश्मदीदों ने बताया कैसा है माहौल ?

 

- मुगाबे के मैन्शन के आस-पास रहने वाले चश्मदीदों ने बताया कि सुबह 2 बजे (लोकल टाइम) के करीब तीन से चार मिनट के अंदर उन्होंने 30-40 बार फायर की आवाज सुनी।
- एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, हरारे में सड़क पर निकलने वाले लोगों को आर्मी के जवानों ने परेशान भी किया। वहीं, चार मिलिट्री व्हीकल के पास अफसर हथियार लादे तैनात रहे। 
- हरारे में रहने वाले एक शख्स ने बताया कि शहर में बहुत शांति है। दुकानें खुली थीं। वहीं, बस और ट्रैक्सी भी सामान्य तरीके से चल रही हैं। 
- उसने बताया कि कुछ चुनिंदा जगहों पर पुलिस ने रोड ब्लॉक कर रही है, लेकिन पुलिस वालों की बर्ताव सामान्य है। हालांकि, बहुत से लोग घरों के अंदर ही हैं।

 

किन लोगों को सेना ने टारगेट किया?

- सेना ने स्टेटमेंट में उन लोगों के नाम साफ नहीं किए, जिन्हें निशाना बनाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोकल गर्वंमेंट मिनिस्टर सेवियर कसुकुवेरे, फाइनेंस मिनिस्टर इग्नाटिउस कोम्बो और मुगाबे के नेफ्यू (भतीजे) समेत कई कैबिनेट मिनिस्टर्स को अरेस्ट किया गया है। अभी ये साफ नहीं हो पाया है कि देश में इस मिलिट्री एक्शन को किसने लीड किया है।

 

'सिर्फ मिलिट्री एक्शन नहीं'

- जिम्बाब्वे के एक्स पीएम मोर्गन के पूर्व पॉलिटिकल एड एलेक्स मगाएसा ने सीएनएन से कहा कि सेना भले ही प्रेसिडेंट मुगाबे को अब भी लीडर कह रही हो, लेकिन इसे तख्तापलट ही कहेंगे, क्योंकि असल में तो वो साफ तौर पर मिलिट्री फोर्स ही है।

 

तख्तापलट की आशंका क्यों?

- मुगाबे की पार्टी जेडएएनयू-पीएफ ने मंगलवार को मिलिट्री चीफ कान्सटैनटिनो चिवेंगा को राजद्रोह का आरोपी बताया था। दरअसल, चिवेंगा ने पिछले हफ्ते की गई वाइस प्रेसिडेंट एमरसन मनांगग्वा की बर्खास्तगी का विरोध किया था। उन्होंने मुगाबे से पार्टी के ऐसे सीनियर लीडर्स पर एक्शन को वापस लेने की मांग की थी। इसके बाद से हरारे में मिलिट्री मूवमेंट बढ़ गया और तख्तापलट की आशंका जताई जा रही है।

- हालांकि, साउथ अफ्रीका में जिम्बाब्वे के राजदूत इसाक मोयो ने तख्तापलट की बात से इनकार किया है और कहा कि सरकार को कोई नुकसान नहीं हुआ है।

 

 

जिम्बाब्वे में कब से रूल कर रहे हैं मुगाबे?

- जिम्बॉब्वे को 1980 में ब्रिटेन से मिली आजादी के बाद से देश में रॉबर्ट मुगाबे पावर में हैं। बीते कुछ दिनों से 93 साल के मुगाबे और सेना के बीच तनाव बढ़ गया है।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery