मुंबई/लखनऊ. पद्मावती फिल्म के विरोध को देखते हुए उत्तर प्रदेश की होम मिनिस्ट्री ने इंन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग (आईबी) मिनिस्ट्री को लेटर लिखा है। इसमें कहा गया है कि इस फिल्म में ऐतिहासिक सबूतों को तोड़-मरोड़कर पेश किए जाने की वजह से शांति-व्यवस्था पर उलटा असर होने की आशंका है। उधर, मुंबई पुलिस ने डायरेक्टर संजय लीला भंसाली के ऑफिस और घर की सिक्युरिटी में पुलिस तैनात कर दी है। भंसाली के साथ भी आर्म्ड गार्ड तैनात किए गए हैं।
- उत्तर प्रदेश के होम डिपार्टमेंट ने आईबी मिनिस्ट्री को लेटर लिखा है। इसमें बताया गया है कि पद्मावती फिल्म की स्क्रिप्ट और इसमें ऐतिहासिक सबूतों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने को लेकर लोगों में गुस्सा है। इसकी रिलीज से शांति-व्यवस्था पर गलत असर पड़ सकता है।
- उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आईबी मिनिस्ट्री को लिखे गए लेटर के सवाल पर योगी आदित्यनाथ ने कहा, "हमारे यहां नगरीय निकाय के चुनाव चल रहे हैं। फोर्स उसकी सुरक्षा में होगी। चुनाव पर इसका कोई असर न हो ऐसे में जरूरी है कि फोर्स उस पर ध्यान दे। कोई भी ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ कर अपना हित साधे यह नहीं होना चाहिए। हम फिल्म के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन राज्य की कानून-व्यवस्था पर असर डालने वाले काम को हमारी सरकार रोकने का काम करेगी।"
- इस फिल्म के जोरदार विरोध की वजह से सेंसर बोर्ड भी काफी दबाव में है। इस बीच मुंबई के पेडर रोड स्थित सेंसर बोर्ड के ऑफिस पर पुलिस तैनात कर दी गई है।
- फिल्म से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इस फिल्म के सर्टिफिकेट के लिए एप्लाई कर दिया गया है। हलांकि, बोर्ड ऑफिशियल्स अभी इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
- इस फिल्म के लिए सेंसर बोर्ड का सर्टिफिकेट लेने के लिए किसी एजेंट की बजाय खुद प्रोडक्शन बोर्ड ने एप्लाई किया है।
- एप्लीकेशन के साथ बोर्ड को स्क्रिप्ट और डायलॉग की कॉपी भी देनी होती है। ऐसे में बताया जा रहा है कि प्रोडक्शन हाउस ने स्क्रिप्ट और डायलॉग की टायपिंग में बहुत एहतियात बरती है। उसे बाहर की बजाय प्रोडक्शन हाउस में ही टाइप किया गया है।
फिल्म पद्मावती को लेकर क्या आपत्ति है?
- राजस्थान में करणी सेना, बीजेपी लीडर्स और हिंदूवादी संगठनों ने इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। राजपूत करणी सेना का मानना है कि इस फिल्म में पद्मिनी और खिलजी के बीच इंटीमेट सीन फिल्माए जाने से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है। लिहाजा, फिल्म को रिलीज से पहले पार्टी के राजपूत प्रतिनिधियों को दिखाया जाना चाहिए। ऐसा करने से रिलीज के वक्त फिल्म के लिए सहूलियत रहेगी और तनाव के हालात से बचा जा सकेगा।
- अब राजस्थान के राजघराने भी विरोध में उतर आए हैं।
कहां से शुरू हुआ विवाद?
- राजस्थान में फिल्म शूटिंग के दौरान इसके विरोध की शुरुआत हुई थी। शूटिंग के वक्त राजपूत करणी सेना ने कई जगह प्रदर्शन किया था और पुतले फूंके थे। जयपुर में शूटिंग के दौरान कुछ लोगों ने संजय लीला भंसाली से बदसलूकी की थी, जिसके बाद कोल्हापुर में फिल्म का सेट लगाया तो यहां भी इसे जला दिया गया। इसके बाद मूवी का विरोध देशभर में बढ़ता गया।
डायरेक्टर का स्टैंड क्या है?
- पद्मावती का विरोध होने के बाद डायरेक्टर संजय लीला भंसाली ने कहा था कि इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है, जिसे लेकर विरोध किया जा रहा है। इसके बाद फिल्म में पद्मावती का किरदार निभा रही दीपिका पादुकोण ने इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्टर स्मृति ईरानी को टैग करते हुए ट्वीट किया था कि इस तरह की घटनाओं पर एक्शन लिया जाना चाहिए।
कई राजघराने भी विरोध में
- राजस्थान के कई राजपूत घराने भी इस फिल्म के विरोध में आ गए हैं। जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया कुमारी ने पिछले दिनों इस फिल्म के खिलाफ सिग्नेचर कैम्पेन शुरू किया। इस दौरान दीया ने कहा कि इस कैम्पेन में ज्यादा से ज्यादा लोगों और ऑर्गनाइजेशन को जोड़ने के लिए इसे डिविजन लेवल पर भी ऑर्गनाइज किया जाएगा।
- उन्होंने संजय लीला भंसाली से कहा कि वे रिलीज करने से पहले इतिहासकारों के फोरम के सामने इसकी स्क्रीनिंग करें।
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