जिम्बाब्वे में तख्तापलट की आशंका, सरकारी चैनल पर सेना का कब्जा, सड़कों पर उतरे मिलिट्री टैंक
Wed, Nov 15, 2017 7:21 PM
हरारे.जिम्बाब्वे में राजनीतिक संकट गहराता दिख रहा है। सरकारी चैनल पर सेना के कब्जे के बाद देश में तख्तापलट की आशंका ने जोर पकड़ लिया है। राजधानी हरारे में भयानक गोलीबारी और धमाकों की आवाज सुनी गई। शहर में हर तरफ सेना और आर्मी टैंक नजर आ रहे हैं। हालांकि, सेना ने तख्तापलट की खबरों को खारिज कर दिया है। सेना का कहना है कि प्रेसिडेंट रॉबर्ट मुगाबे बिल्कुल सुरक्षित हैं और ये कार्रवाई क्रिमिनल्स को टारगेट करने के लिए की गई है। बता दें, मुगाबे की पार्टी ने सेना प्रमुख जनरल कान्सटैनटिनो चिवेंगा पर बीते हफ्ते राजद्रोह का आरोप लगाया था, जिसके बाद से दोनों के बीच तनाव बढ़ गया है। सेना ने क्या कहा स्टेटमेंट में...
- राजधानी हरारे में बड़ी संख्या में सेना तैनात है और मिलिट्री टैंक भी नजर आ रहे हैं। वहीं, चश्मदीदों के मुताबिक, प्रेसिडेंट के प्राइवेट रेजिडेंस के पास गोलीबारी की आवाज सुनी गई है।
- नेशनल ब्रॉडकास्टर जेडबीसी पर मेजर जनरल सिबुसिसो मोयो ने स्टेटमेंट पढ़ते हुए कहा कि हम देश को ये भरोसा दिलाना चाहते हैं कि प्रेसिडेंट और उनकी फैमिली सुरक्षित है। हम उनकी सिक्युरिटी की जिम्मेदारी लेते हैं।
- उन्होंने स्टेटमेंट में कहा, हम सिर्फ उनके आस-पास मौजूद क्रिमिनल्स को निशाना बना रहे हैं, जो क्राइम कर रहे हैं। ये लोग देश के बिगड़ते सामाजिक और आर्थिक हालात की असली वजह हैं। जितनी जल्दी मिशन पूरा हो जाएगा, हमें उम्मीद है उतनी जल्दी हालात सामान्य हो जाएंगे।
- सेना ने देश के नागरिकों को शांत रहने की सलाह दी है और बेवजह मूवमेंट करने से मना किया है। इसके साथ ही मिलिट्री ने ज्यूडिशरी को भी भरोसा दिलाया है कि उनकी आजादी पर किसी तरह की कोई आंच नहीं आएगी।
- सेना ने सिक्युरिटी फोर्सेज से कहा है कि उन्हें अपने देश के लिए सेना के साथ को-ऑपरेट करना चाहिए। किसी भी तरह के गलत कदम का उन्हें माकूल जवाब मिलेगा। इसके साथ ही मिलिट्री फोर्स की सभी छुट्टियां कैंसिल कर दी गई हैं।
- इधर, साउथ अफ्रीका में जिम्बाब्वे के राजदूत इसाक मोयो ने भी तख्तापलट की बाद से इनकार किया है और कहा कि सरकार को कोई नुकसान नहीं हुआ है।
मुगाबे की ओर से नहीं आया बयान
- सेना के स्टेटमेंट में उनके नाम साफ नहीं किए, जिन्हें निशाना बनाया जा रहा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सरकार के सूत्रों के हवाले से बताया है कि हिरासत में लिए गए लोगों ने फाइनेंस मिनिस्टर इग्नाटिअस कोम्बो शामिल हैं।
- हालांकि, इस स्थिति में अभी ये साफ नहीं हो पाया है कि देश में इस मिलिट्री एक्शन का नेतृत्व किसने किया है। वहीं इसे लेकर प्रेसिडेंट रॉबर्ट मुगाबे की ओर से भी अब तक कोई बयान नहीं आया है।
37 साल से देश पर काबिज
- जिम्बॉब्वे को 1980 में ब्रिटेन से मिली आजादी के बाद से देश में रॉबर्ट मुगाबे पावर में हैं। बीते कुछ दिनों से 93 साल के मुगाबे और सेना के बीच तनाव बढ़ गया है।
- मुगाबे की रूलिंग पार्टी जेडएएनयू-पीएफ ने मंगलवार को सेना प्रमुख कान्सटैनटिनो चिवेंगा को राजद्रोह का आरोपी बताया था, जिसके बाद ये घटना सामने आई है।
- चिवेंगा ने पिछले हफ्ते की गई वाइस प्रेसिडेंट एमरसन मनांगग्वा की बर्खास्तगी का विरोध किया था। उन्होंने मुगाबे से पार्टी के ऐसे सीनियर लीडर्स पर एक्शन को वापस लेने की मांग की थी।
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