भोपाल। नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी (एनएलआईयू) में डायरेक्टर डॉ. एसएस सिंह को हटाने में केवल छात्र ही जोर नहीं लगा रहे बल्कि अंदरूनी तौर पर यहां की फैकल्टी भी छात्रों को पूरा सहयोग कर रही है।
एनएलआईयू के कई प्रोफेसर्स भी नहीं चाहते कि डॉ. सिंह यहां रहें। गौरतलब है कि उनके कार्यकाल बढ़ने के कयास भी लगाए जा रहे हैं। फैकल्टी का मानना है कि अगर डॉ. सिंह यहां टिके रहे तो फैकल्टी ऑडिट हो सकता है, जिसकी वजह से उन्हें दिक्कत हो सकती है। इसलिए फैकल्टी भी उनसे नाखुश है।
एनएलआईयू में एक छात्रा के दस नंबर बढ़ाने के विरोध में बीते गुरुवार से आंदोलन की शुरुआत हुई थी। स्थिति यह हुई कि बाद में एक के बाद एक मुद्दे जुड़ते चले गए और डायरेक्टर के खिलाफ शिकायतों का एक पुलिंदा तैयार हो गया। इसी को आधार बनाकर छात्र यहां लगातार कक्षाओं का बहिष्कार कर आंदोलन कर रहे हैं।
छात्रों का सहयोग कर रहे प्रोफेसर
संस्थान के छात्रों के मुताबिक छात्रों के साथ ही यहां की फैकल्टी भी डायरेक्टर से परेशान है। कई फैकल्टी भी अंदरूनी तौर पर उनका समर्थन कर रही है। प्रोफेसर्स खुलकर सामने नहीं आ सकते, लेकिन वे छात्रों को यह जरूर बता रहे हैं कि उन्हें आगे क्या करना चाहिए। गौरतलब है कि यहां फैकल्टी का ऑडिट भी होता है। बताया जाता है कि फैकल्टी नहीं चाहती है कि उन पर किसी भी प्रकार का दबाव बने और ऑडिट हो। इधर, डायरेक्टर डॉ. सिंह का कहना है कि अगर कुछ भी हुआ है तो उसकी जांच करवाएं। कोई कुछ भी कहता रहे तो उससे क्या हो जाता है।
उच्च शिक्षा आयुक्त पहुंचे एनएलआईयू
छात्रों की समस्याएं जानने के लिए सोमवार को उच्च शिक्षा आयुक्त नीरज मंडलोई भी एनएलआईयू पहुंचे। यहां उन्होंने मीटिंग की और छात्रों से उनकी समस्याएं जानीं। जानकारी के मुताबिक पीएस लॉ ने भी छात्रों की समस्याएं सुनीं। बताया जाता है कि ये अपनी रिपोर्ट एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को देंगे। इसके अलावा कुछ छात्र विधि मंत्री रामपाल सिंह से भी मिलने गए थे।
रास्ता रोका
विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्र अकादमिक ब्लॉक के सामने गेट पर लेट गए। इस दौरान उन्होंने प्रोफेसर्स को कक्षाओं में भी नहीं जाने दिया। पूरी तरह से कक्षाओं का बहिष्कार किया। छात्रों ने कहा कि वे न तो कक्षाओं में जाएंगे और न ही कक्षाओं का संचालन होने देंगे। कुछ पाठ्यक्रमों की सोमवार को कक्षा लगना थी। लेकिन विरोध के कारण यह नहीं लग पाई।
सांसद और विधायक भी मिल चुके
कुछ दिन पूर्व सांसद आलोक संजर और विधायक रामेश्वर शर्मा भी छात्रों से मिले थे। सांसद ने कहा था कि छात्र यहां के डायरेक्टर से नाखुश हैं और उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं। वहीं विधायक शर्मा का कहना था कि छात्र डायरेक्टर को हटाने की मांग पर अड़े हैं। उन्होंने यहां के छात्रों को उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया से भी मिलवाया था।
जो बेहतर होगा करेंगे
हमने छात्रों से बात की है। पता किया कि उनकी क्या समस्याएं हैं। वे डायरेक्टर को यहां से हटाना चाहते हैं। उन्हें संस्थान प्रबंधन पर विश्वास नहीं है। जो भी बेहतर होगा उनके लिए किया जाएगा - नीरज मंडलोई,आयुक्त, उच्च शिक्षा
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