भोपाल। बेहतर यात्री सुविधाओं के लिए हमेशा सुर्खियां बटोरने वाली शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस ने देश भर में भोपाल की शान बढ़ा दी है। इस ट्रेन को रेलवे बोर्ड ने आदर्श ट्रेन का दर्जा (मेल एक्सप्रेस श्रेणी की ट्रेनों में) दिया है। अब इस ट्रेन की तर्ज पर हर मंडल की दो-दो ट्रेनों को अपग्रेड किया जाएगा।
यानी भोपाल एक्सप्रेस में यात्रियों को जो सुविधा दी जा रही हैं वे ही सुविधाएं अगले छह महीने में प्रत्येक मंडल की दो-दो ट्रेनों में यात्रियों को मिलेंगी। बोर्ड ने इसके लिए सभी जोन के जीएम को पत्र लिखकर भोपाल एक्सप्रेस से सीख लेने की सलाह दी है। 20 नवंबर तक मंडल स्तर से दो-दो ट्रेनों के नाम मंगाए हैं।
शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस (12155/12156) बीते 18 साल से राजधानी भोपाल के हबीबगंज स्टेशन से हजरत निजामद्दीन के बीच चल रही है। ट्रेन में कैटरिंग सुविधा नहीं है फिर भी यह ट्रेन यात्रियों को खूब पसंद आ रही है। तमाम सर्वे और यात्रियों के फीडबैक के बाद रेलवे बोर्ड ने यह पाया है कि भोपाल एक्सप्रेस सबसे अच्छी ट्रेन है।
रेलवे बोर्ड के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (ई एंड आर) विकास आर्य 8 नवंबर को रेलवे के सभी जोन के जीएम को लिखे पत्र में शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस को आदर्श बताते हुए मंडल स्तर पर दो-दो ट्रेनों का चयन कर 20 नवंबर तक उनके नाम बोर्ड को भेजने को कहा है।
ट्रेन में ये सुविधाएं सबसे अलग
- कोच में यात्रियों को ग्रीन-टी, लेमन-टी, शूप की सुविधा दी गई है।
- फर्स्ट एसी में मखबली कंबल मिलते हैं। (अभी इंडियन रेलवे की किसी भी ट्रेन में यात्रियों को ऐसे कंबल नहीं मिलते।)
- चुनिंदा कोचों में वॉटर वेंडिंग व कॉफी मशीनें हैं।
- डायबिटिक मरीजों के लिए लो-शुगर-टी की सुविधा दी गई है।
- कोच में यात्रियों के लिए नि:शुल्क लाइब्रेरी है। पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम का ट्रायल चल रहा है।
- जोन में ट्रेन सबसे पहले बायो टॉयलेट युक्त ट्रेन घोषित की है, टॉयलेट के अंदर डस्टबिन की सुविधा है।
- कोच में फ्लावर पॉट लगाए हैं, शौचालय में हैंड सावर की सुविधा है।
- ट्रेन में वाइल्ड लाइफ से जुड़ी तस्वीरें लगाई गईं हैं।
ये पुरस्कार पा चुकी है ट्रेन
- जोन में बेस्ट मेनटेन (बेहतर अनुरक्षण) के लिए साल 2011 व 2016 में जीएम अवार्ड।
- रामकृष्ण बजाज नेशनल क्वालिटी अवार्ड साल 2004 में।
इस ट्रेन में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन कर चुके हैं बिना सैलून के सफर
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन (सीआरबी) अश्विनी लोहानी इस ट्रेन में बिना सैलून के सफर कर चुके है। सीआरबी इस ट्रेन से 13 अक्टूबर को निजी दौरे पर भोपाल आए थे और 14 अक्टूबर को लौटे थे। इस दौरान उन्होंने हबीबगंज स्टेशन पर यात्रियों से ट्रेन में मिल रही सुविधाओं का फीडबैक लिया था। संभवत: वे पहले सीआरबी है जिन्होंने ट्रेन में दिल्ली से भोपाल तक बिना सैलून के एसी कोच में सफर किया था। उनके द्वारा यात्रियों का फीडबैक लेने के बाद ही ट्रेन को देशभर में आदर्श का दर्जा दिया गया है।
हमारे लिए गर्व की बात है
रेलवे बोर्ड द्वारा शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस को आदर्श ट्रेन मानना हमारे लिए गर्व की बात है। यह बेहतर साफ-सफाई व ट्रेन में यात्रियों को अच्छी सुविधा उपलब्ध कराने का परिणाम है। आगे भी हम ट्रेन में अच्छी सुविधाएं देंगे। दूसरी ट्रेनों को भी भोपाल एक्सप्रेस की तर्ज पर अपग्रेड करेंगे।
Comment Now