Friday, 23rd May 2025

ASEAN: ट्रम्प से मिले नरेंद्र मोदी, भारत की तारीफ के लिए शुक्रिया अदा किया

Tue, Nov 14, 2017 12:57 AM

मनीला. ASEAN समिट (आसियान शिखर सम्मेलन) में हिस्सा लेने के लिए मोदी फिलीपींस में हैं। यहां उनकी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों ने ओपनिंग रिमार्क दिए। मोदी ने कहा - "मैं आपसे एक बार फिर मिलकर काफी खुश हूं। दोनों देशों के बीच रिश्ते नई ऊंचाई पर जा रहे हैं। हाल के महीनों में हमने कई मुद्दों पर गहरी समझ विकसित की है। भारत की तारीफ के लिए शुक्रिया।"बता दें कि दोनों नेताओं के बीच चार महीने में यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले दोनों जून में जी-20 के दौरान मिले थे। यह समिट जर्मनी में हुई थी।
 

नरेंद्र मोदी ने कहा- भारत अमेरिका और विश्व की उम्मीदों पर खरा उतरेगा

- नरेंद्र मोदी ने कहा - "भारत और अमेरिका के बीच रिलेशन और गहरे हो रहे हैं। आप भी अनुभव करते होंगे कि दोनों देश आपसी हितों से ऊपर उठकर साथ में काम कर रहे हैं। एशिया के हितों के लिए काम कर सकते हैं। विश्व में मानवता की भलाई के लिए काम कर सकते हैं। ऐसे कई विषयों पर हम मिलकर चल रहे हैं।"
- "राष्ट्रपति ट्रम्प पिछले दिनों जहां भी गए हैं, जहां भी उन्हें भारत के बारे में कहने का मौका मिला है। उन्होंने भारत के बारे में बड़ी बातें कहीं हैं। बहुत ही आशावादी भाव व्यक्त किया है। मैं भी विश्वास दिलाता हूं कि विश्व की भारत से जो उम्मीदें हैं, अमेरिका की जो अपेक्षाएं हैं, उन पर वह खरा उतरने के लिए भारत भरपूर कोशिशें करता रहा है और करता रहेगा। मैं फिर एक बार ट्रम्प का आभार व्यक्त करता हूं।"
 

ट्र्म्प ने कब की थी मोदी की तारीफ?

- चीन दौरे पर डोनाल्ड ट्रम्प ने मोदी की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था, "जैसे भारत ने अपनी इकोनॉमी को खोला, उसमें बहुत तेजी से प्रगति की। नरेंद्र मोदी ने भारत जैसे एक अरब से ज्यादा लोगों को एक सूत्र में पिरोने का काम किया।"
 

ट्रम्प-मोदी तीसरी बार मिले

-मोदी जून में अमेरिका दौरे पर गए थे। यहां दोनों नेताओं के बीच बाइलेटरल टॉक हुई थी। इस दौरान उन्होंने ट्रम्प की बेटी इवांका को भारत आने का न्योता दिया था। वे भारत में 28 से 30 नवंबर तक चलने वाली ग्लोबल एंटरप्रेन्योरशिप समिट में हिस्सा लेंगी।
 

रविवार को हुई थी अनौपचारिक मुलाकात

- रविवार को ASEAN की 50th एनीवर्सिरी पर एक गाला डिनर ऑर्गनाइज्ड किया गया था। यहां कुछ वक्त के लिए मोदी-ट्रम्प के बीच अनौपचारिक मुलाकात हुई। इस दौरान चीन के प्रीमियर ली केकियांग, जापान के पीएम शिंजो आबे, रूस के पीएम दिमित्री मेदवेदेव, मलेशिया के प्राइम मिनिस्टर नजीब रज्जाक भी मौजूद थे।
 

इंडो-पैसेफिक में चीन के बढ़ते दखल पर चर्चा

- ASEAN के दौरान क्वाड्रीलेटरल (चतुष्पक्षीय) गठबंधन के प्रस्ताव को लेकर यूएस, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के ऑफिशियल्स के बीच रविवार को मीटिंग हुई। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में इंडो-पैसेफिक रीजन में चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव पर चिंता जाहिर की गई। 
- भारत की एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्ट्री ने कहा, "चर्चा सभी के मिलेजुले नजरिए, शांति, स्थायित्व और खुशहाली को बढ़ाने और एक-दूसरे से संबंधों पर केंद्रित थी। सभी इस बात पर राजी हैं कि स्वतंत्र, खुले, खुशहाल और एकजुट इंडो-पैसेफिक रीजन के जरिए ही सभी देशों और पूरी दुनिया को लंबे समय तक फायदा होगा।"

ASEAN क्या है?

- ASEAN का फुल फॉर्म (Association of Southeast Asian Nations) है।
- 10 देश- ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम इसके मेंबर हैं।
- इसकी एशियन रीजनल फोरम (एआरएफ) में अमेरिका, रूस, भारत, चीन, जापान और नॉर्थ कोरिया समेत 27 मेंबर हैं।
- यह ऑर्गनाइजेशन 1967 को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में बनाया गया था।
- इसके फाउंडर मेंबर थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और सिंगापुर थे।
- 1994 में आसियान ने एआरएफ बनाया, जिसका मकसद सिक्युरिटी को बढ़ावा देना था।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery