महिला तांत्रिक ने यूं ले ली जवान बेटे की जान, लोगों ने देखा अंधभक्ति का तमाशा
Fri, Nov 10, 2017 8:23 PM
धमतरी।पागल कुत्ते के काटने के बाद अस्पताल में उपचार कराने की बजाए घर पर ही झाड़-फूंक के जरिए इलाज कराने से युवक की मौत हो गई। इस मामले में अर्जुनी पुलिस ने पिता समेत 8 लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का अपराध दर्ज किया है। पुलिस शुक्रवार को सभी को हिरासत में लेगी। जानिए पूरा मामला…
- अर्जुनी पुलिस के अनुसार पखवाड़ेभर पूर्व ग्राम बलियारा निवासी बिसेलाल कंवर (21) को एक पागल कुत्ते ने 28 अक्टूबर को हाथ-पैर और जांघों में काटा था।
- कुछ ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी कि बिसेलाल का घर पर इलाज किया जा रहा है। इसके बाद 1 नवंबर को अर्जुनी पुलिस एंबुलेंस लेकर बलियारा पहुंची और परिजनों से युवक का उपचार अस्पताल में भर्ती कराकर कराने कहा, लेकिन परिजन राजी नहीं हुए।
- अंतत: 4 नवंबर को युवक की घर पर ही मौत हो गई। इसकी खबर मिली, तब थाना प्रभारी उमेंद्र टंडन स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे और शव का पंचनामा कराकर पोस्टमार्टम करवाया।
मां, बड़ी मां, भाई-बहन सहित दो बैगिन भी शामिल
- अर्जुनी थाना प्रभारी उमेंद्र टंडन ने बताया कि इस मामले की जांच-पड़ताल के बाद मृतक के पिता जैलूराम कंवर समेत उसकी मां बहुरी बाई, बड़ी मां बेला बाई, बहन उत्तरा कंवर, तेज कंवर, ईश्वरी कंवर व दो बैगिन लता बाई व देवकी बाई के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का अपराध धारा 304ए, 34 के तहत दर्ज किया गया है।
- उन्होंने कहा कि किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। स्टाफ शिविर में फंसा है, इस वजह से सभी की गिरफ्तारी शुक्रवार को की जाएगी।
ऐसे हुआ झाड़-फूंक का तमाश
- 28 अक्टूबर को बिसेलाल को दोपहर के वक्त पागल कुत्ते ने हाथ, पैर और जांघों में काट लिया। इसके बाद वो घर आया और घटना की जानकारी दी।
- पड़ोसियों ने परिजनों को तत्काल अस्पताल ले जाने की सलाह दी। इधर परिजन अंधविश्वास के चलते गांव की ही झाड़-फूंक करने वाली बैगिन लता बाई को खबर दे दी। लता अपने अपनी सहयोगी देवकी बाई को भी ले आई।
- स्थानीय लोगों ने बताया कि दोनों पिछले 8 साल से गांव और उसके आस-पास के दूसरे गावों में कुत्ता काटने, भूत भगाने और दूसरी बीमारियां ठीक करने का दावा तंत्र-मंत्र से करती हैं।
- दोनों 28 की शाम को मौके पर पहुंची और साड़ी का एक घेरा बनाकर पीड़ित के सिर पर त्रिशूल बना हुआ एक लाल पट्टी बांधकर भभूत से इलाज करने लगीं।
- दोनों बैगिन सुबह और शाम दोनों वक्त 1-1 घंटे झाड़-फूंक करती थीं और उस वक्त साड़ी के घेरे में किसी को आगे नहीं आने देती थीं।
अर्धनग्न कर करती थीं झाड़-फूंक
- दोनों बैगिने मरीज को अर्धनग्न कर उसके जख्म पर एक लेप लगाती थीं और भभूत लेकर मंत्रों के जरिए साधना करती थीं।
- परिजनों को हिदायत दी गई थी कि झाड़-फूंक से 1 घटें पहले और 3 घंटे बाद तक पीड़ित को कुछ भी खाने-पीने को नहीं देना है।
- इधर स्थानीय लोगों को लगा कि अंध विश्वास के चलते पीड़ित की जान न चली जाए। ऐसे में 1 नवंबर को पुलिस को सूचना दी गई।
- मौके पर पुलिस पहुंची पर परिजन नहीं माने और झाड़-फूंक का खेल चलता रहा। ध्यान देने वाली बात है कि मृतक का एक बड़ा भाई भी है जो बीमार रहता है और परिजन उसे अस्पताल ले जाने की बजाय झाड़-फूंक से ही इलाज कराते हैं।
बैगिन ने कहा मत पड़ो डॉक्टर के चक्कर में…
- 2 नवंबर को मरीज की तबियत बिगड़ने लगी तो परिजन उसे अस्पताल ले जाने लगे। उस वक्त तक वो पूरी तरह से सूख चुका था और कांपने लगा था।
इधर बैगिनों ने कहा कि अब ये ठीक हो रहा है। ये सब ठीक होने की पहचान है। पागल कुत्ते का जहर इसके शरीर से निकल रहा है।
- परिजन बैगिनों के झांसे में आ गए और झाड़-फूंक का क्रम चलता रहा। 3 नवंबर की रात 1 बजे के करीब बिसेलाल की मौत हो गई।
- मौत की खबर सुन पड़ोसियों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस 4 नवंबर की शाम को पहुंची और शव को कब्जे में लेकर 5 नवंबर को पीएम कराया।
- पुलिस ने स्थानीय लोगों और परिजनों से पूछताछ की और आखिरकार पाया कि दोनों बैगिनों के साथ परिजन भी गैर इरादतन हत्या के दोषी हैं। मामले में शामिल लोगों के खिलाफ गुरुवार को मामला दर्ज किया और शुक्रवार को पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने की कार्रवाई कर रही है।
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