भोपाल। सामूहिक दुष्कर्म मामले में मेडिकल रिपोर्ट में गड़बड़ी पर नवदुनिया ने जब शक्ति यानि पीड़िता से बात की तो उन्होंने बताया कि अब डॉक्टरों की अज्ञानता की वजह से केस में बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई। डॉक्टर को यदि अंग्रेजी नहीं आती तो उन्हें हिंदी में रिपोर्ट देना थी। उनको इतनी तो समझ रखना चाहिए कि वे क्या लिख रहे हैं और उसका केस में क्या असर होगा।
यदि डॉक्टरों की यह गलती समय रहते पकड़ी में नहीं आती और उसमें सुधार नहीं किया जाता तो आरोपियों को इसका फायदा मिल सकता था। डॉक्टरों ने पहली मेडिकल रिपोर्ट में लिखा था कि संबंध सहमति से बनाए गए, जिसके बाद दूसरी रिपोर्ट में उन्होंने इसे गैंगरेप लिखा।
आरोपियों को 24 तक के लिए जेल भेजा
इधर, मेडिकल रिपोर्ट में गलती की बात सामने आने के बाद पीएचक्यू से लेकर जीआरपी रेल तक हलचल मची हुई है। पीएचक्यू के अफसरों ने इस पूरे मामले में जीआरपी से रिपोर्ट मांग ली है। गौरतलब है कि रिपोर्ट में गलती पकड़ने के बाद जीआरपी ने सुलतानिया अस्पताल प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा था, उसके बाद ही रिपोर्ट को सुधारा गया।
पुलिस अब इस पूरे घटनाक्रम पर साक्ष्य और बयान लेने के बाद चालान पेश करने में लग गई है। जीआरपी हबीबगंज ने शक्तिकांड के चारों आरोपियों से रिक्रिएशन कराने के बाद उनके बयानों का एक बार फिर से मिलान कर लिया है। उनके पहचान पत्र और पते के सत्यापन हो चुके हैं।
पुलिस ने घटना के समय सभी आरोपियों की लोकेशन मिलान कर ली है। इसके बाद चारों आरोपियों को रिमांड पूरी होने पर गुस्र्वार दोपहर जिला कोर्ट में पेश किया गया। जहां से आरोपियों को 24 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
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