ट्रम्प बोले-अमेरिका की लचर नीति से चीन को फायदा हुआ, भरोसा है शी हमारे साथ रहेंगे
Fri, Nov 10, 2017 7:47 PM
बीजिंग. एशिया दौरे के 5वें दिन अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प चीन में थे। राजधानी बीजिंग में गुरुवार को उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंगकी तारीफ की। कम्युनिस्ट पार्टी के ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल में ट्रम्प ने कहा, शी ने हाल के समय में नॉर्थ कोरिया के वेपन्स प्रोग्राम पर लगाम लगाने के हमारे एजेंडे को अपना सपोर्ट दिया है। इसके लिए शी का आभारी हूं। अब आगे बढ़ने की जरूरत है।ट्रम्प ने और क्या कहा ?...
8 मिनट की स्पीच में ट्रम्प ने कहा- मेरे पूर्ववर्ती प्रेसिडेंट्स की लचर नीति के चलते अमेरिका को 300 अरब डॉलर (करीब 19.5 लाख करोड़ रु.) का घाटा हुआ। मौके का फायदा उठाने का श्रेय मैं चीन को दूंगा। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि नॉर्थ कोरिया के खिलाफ जरूरी एक्शन लेने में प्रेसिडेंट शी जिनपिंग हमारा साथ देंगे। ट्रम्प ने लगातार तीसरे देश से नॉर्थ कोरिया को सबक सिखाने की बात कही। वे जापान और साउथ कोरिया से भी हमले बोल चुके हैं।
दुनिया के सबसे बड़े 3 अमेरिकी जंगी जहाज ड्रिल के लिए रवाना
प्रशांत सागर में बेड़े का 11 से 14 नवंबर तक युद्ध अभ्यास
उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने के लिए ट्रम्प ने तीन जहाज रवाना कर दिए हैं। ये दुनिया के सबसे बड़े जंगी जहाज हैं। गुरुवार को अमेरिकी नौसेना ने बताया, ये बेड़े पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में जाएंगे। 2007 के बाद यह पहली ड्रिल है, जिसमें ये जंगी जहाज शामिल होंगे। यह ड्रिल 11 से 14 नवंबर तक चलेगी।
चेतावनी के बाद भी नॉर्थ कोरिया पर कोई असर नहीं
एशिया दौरे के पहले दिन 5 नवंबर को ट्रम्प जापान पहुंचे थे। वहां उन्होंने नॉर्थ कोरिया को चेतावनी दी थी। फिर मंगलवार को साउथ कोरिया से ट्रम्प ने नॉर्थ कोरिया को वेपन्स प्रोग्राम बंद कर बातचीत करने के लिए कहा था। इसके जवाब में नॉर्थ कोरिया ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ट्रम्प को पागल करार दिया था।
चीन में ट्विटर बैन पर ट्रम्प के लिए बना अलग सिस्टम
चीन में ट्विटर पर पाबंदी है, जबकि ट्रम्प ट्वीट करते हैं। उनके मैसेज चीन से भी दुनिया तक पहुंचे, इसके लिए एक स्पेशल सिस्टम तैयार किया गया। इसी वजह से ट्रम्प का ट्विटर हैंडलर एक्टिव रहा। ट्रम्प ने ट्वीट किया- मैं, मेरी पत्नी मलेनिया की ओर से यह दिन यादगार बनाने के लिए शी और उनकी पत्नी पेंग का शुक्रिया।
16 लाख करोड़ रु. के कारोबार पर सहमति
ट्रम्प ने जिनपिंग के साथ 250 अरब डॉलर (करीब 16 लाख करोड़ रुपए) के करार किए। हालांकि आलोचकों का कहना है कि यदि ट्रम्प चीन नहीं भी आते तो भी ये करार संभव थे।
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