Thursday, 22nd May 2025

मैरीकॉम एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में पांचवें स्वर्ण से एक कदम दूर

Wed, Nov 8, 2017 6:27 PM

हो चि मिन्ह सिटी। पांच बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरीकॉम (48 किग्रा) एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अपने पांचवें स्वर्ण पदक से एक कदम दूर हैं। उन्होंने मंगलवार को सोनिया लाठेर (57 किग्रा) के साथ फाइनल में जगह बनाई। चार बार की स्वर्ण पदक विजेता एल सरिता देवी (64 किग्रा), शिक्षा (54 किग्रा), प्रियंका चौधरी (60 किग्रा), लवलिना (69 किग्रा) और सीमा पूनिया (प्लस 81 किग्रा) को सेमीफाइनल में हारकर कांसे से ही संतोष करना पड़ा।

हालांकि चार बार की स्वर्ण पदक विजेता लैशराम सरिता देवी (64 किग्रा), शिक्षा (54 किग्रा) और प्रियंका चौधरी (60 किग्रा) को सेमीफाइनल में हारकर कांसे से ही संतोष करना पड़ा। मणिपुरी मुक्केबाज मैरीकॉम सेमीफाइनल में जापान की सुबासा कोमुरा को एकतरफा मैच में 5-0 से हराकर 6 में से पांचवीं बार इस चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचीं। अब खिताब के लिए बुधवार को उनका सामना उत्तर कोरिया की किम हयांग मी से होगा।

भारतीय मुक्केबाज अगर जीत जाती हैं तो 48 किग्रा भार वर्ग में यह उनका पहला एशियाई स्वर्ण पदक होगा। राज्यसभा सांसद और ओलिंपिककी कांस्य पदक विजेता 35 बरस की मैरीकॉम पांच साल तक 51 किग्रा में भाग लेने के बाद 48 किग्रा में लौटी हैं। उन्होंने 2003, 2005, 2010 और 2012 में स्वर्ण, जबकि 2008 में रजत पदक जीता था।

पूर्व रजत पदक विजेता हरियाणा की सोनिया ने उज्बेकिस्तान की योदोराय मिर्जावे की चुनौती को ध्वस्त करते हुए फाइनल का टिकट कटाया। अब उनकी भिड़ंत चीन की यिन जुनहुआ से होगी। इस साल के शुरू में पेशेवर सर्किट में हाथ आजमाने के बाद एमेच्योर में वापसी करने वाली सरिता को चीन की डोयू डेन से हार झेलनी पड़ी। सरिता का यह एशियाई चैंपियनशिप में छठा पदक है। शिक्षा को पूर्व युवा विश्व चैंपियन चीनी ताइपे की लिन यू टिंग के हाथों हारकर कांसे से ही संतोष करना पड़ा। प्रियंका चौधरी भी सेमीफाइनल की बाधा पार नहीं कर सकीं। उन्हें कोरिया की ओह येंजी से शिकस्त मिली।

लवलिना को कजाखस्तान की वेलेंटीना खल्जोवा हार झेलनी पड़ी। सेमीफाइनल में सीधे प्रवेश करने वाले सीमा को भी सेमीफाइनल में कजाखस्तान की गुजाल इस्मातोवा से हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। टूर्नामेंट यह उनकी पहली ही बाउट थी।

"यह पदक भी मेरे लिए अन्य पदकों की तरह विशेष होगा। क्योंकि मैंने जितने पदक जीते हैं उन सभी के पीछे एक अलग कहानी है। मैं फाइनल में पहुंचकर बहुत खुश हूं। मुझे पता है फाइनल मुकाबला कड़ा होगा। मैं रिंग में अपना सर्वश्रेष्ठ करने का प्रयास करूंगी जैसा कि मैंने अभी तक टूर्नामेंट में किया है।"

- एमसी मैरीकॉम, जीत के बाद

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