भोपाल। अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी-कर्मचारी संघ (अजाक्स) पदोन्नति में आरक्षण मामले की सुनवाई संविधान पीठ को सौंपने की मांग कर रहा है। जबकि सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी-कर्मचारी संघ (सपाक्स) जबलपुर हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए मामले की सुनवाई वर्तमान बैंच से ही चाहता है। दोनों पक्ष अपना जवाब पेश कर चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट में पिछले दो हफ्तों में चार दिन पदोन्नति में आरक्षण मामले की सुनवाई चली। इस दौरान अजाक्स ने इस मामले को संविधान पीठ को सौंपने की मांग उठाई। इसे लेकर संघ के वकीलों ने कोर्ट में तर्क भी दिए। जबकि सपाक्स मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की वर्तमान बैंच से ही फैसला चाहती है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार तक इस मामले से जुड़े सभी पक्षों से जवाब मांगा है कि वे मामले की सुनवाई संविधान पीठ से कराना चाहते हैं या नहीं।
मामले में सपाक्स के संस्थापक सदस्य एके जैन का कहना है कि हम मामले की सुनवाई कर रही वर्तमान बैंच में ही सुनवाई चाहते हैं। इसे लेकर संघ अपना जवाब कोर्ट में प्रस्तुत कर चुका है। हालांकि सोमवार को संघ के वकील दोबारा अपना पक्ष रखेंगे। वहीं अजाक्स के प्रवक्ता विजय श्रवण कहते हैं कि संघ अपना जवाब कोर्ट में प्रस्तुत कर चुका है। वे कहते हैं कि ये मामला पांच सदस्यों की बैंच को जाना चाहिए।
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