Monday, 14th July 2025

नहीं बदला पुलिस का चेहरा, FIR लिखने के बजाय फरियादियों को दुत्कारा

Mon, Nov 6, 2017 8:13 PM

भोपाल। शक्ति कांड को लेकर पुलिस महकमे में हलचल मची है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठकों पर बैठकें हो रही हैं। निर्देशों के अंबार लग गए हैं। हर थानों में चर्चा है। ऐसा लगा कि इतने दबाव के बाद तो पुलिस अपने काम-काज के तौर तरीकों में बदलाव आएगा।

लिहाजा, नवदुनिया की टीम भी रविवार को थानों के हालात जानने निकल पड़ी। हालात वैसे ही नजर आए जिसके लिए पुलिस कुख्यात रही है। न तो फरियादी की शिकायत सुनने के लिए किसी में दिलचस्पी है और न ही मदद करने की इच्छा। पूरी राजधानी को हिलाने वाली इतनी बड़ी घटना के बाद पुलिस में संवेदनशीलता दिखाई नहीं देती।

पढ़िए सीधे थानों से नवदुनिया रिपोर्टर्स शिखिल ब्यौहार, अंजलि राय व हरिचरण की लाइव रिपोर्ट

सबसे पहले टीम पहुंची महिला थाना। महिला पीड़िताओं की समस्या को सुनने वाली महिला थाना से थाना प्रभारी शिखा बैस नदारद थी। वहां पर महिला पीड़िताएं थाना प्रभारी को बीते दो दिन से इंतजार करती नजर आईं। टीटी नगर थाने गाड़ी चोरी कि शिकायत करने गए दीनदयाल ने नवदुनिया को बताया कि पुलिस से मदद की गुहार लगाई थी लेकिन मदद के वजाए गलत व्यवहार किया गया।

हबीबगंज थाने में अपने ही बेटे की शिकायत करने पहुंची सावित्री में कहा कि यह तीसरी बार है कि पुलिस हमारी मदद नहीं करती, जिस दिन मेरा बेटा ही मुझे मार देगा उस दिन पुलिस मदद करने जरुर पहुंचेगी। जीआरपी थाने में टीम को कोई फरियादी तो नहीं मिला लेकिन यहां शक्ति कांड के बाद से अजीब सी खामाशी छाई है। कोई बात करने के लिए तैयार नहीं है।

महिला थाना - समय दोपहर के 12 बजे। दिन रविवार। काउंसिलिंग के लिए थाने में फरियादी महिलाओं की भीड़ उमड़ रही थी। वे कभी एक कमरे में जाती तो कभी दूसरे। कोई नहीं बता पा रहा था कि कब उनका नंबर आएगा। उनकी फरियाद कौन लिखेगा। विदिशा से आई नर्सिंग स्टूडेंट (ज्योति पारख ) अपना काम छोड़कर थाने पहुंची। उनके साथ उनकी मां, भाई और गोद में एक बेटा भी था। जब छोटे बच्चे को भूख लगी तो ज्योति को रहा नहीं गया और उन्होंने आरक्षकों से पूछा मैडम कब आएंगी तो आरक्षकों ने तल्खी के साथ कहा - मैडम डीआईजी साहब के साथ मीटिंग के लिए गई हैं।

लगभग चीखते हुए कहा - जाओ वहां नीचे बैठ जाओ कब आएंगी पता नहीं है। ऐसे ही कुछ देर बार हैरान परेशान पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने आईं आराधना (काल्पनिक नाम) पहुंची तो आरक्षकों ने कहा कि मैडम आएंगी, तभी एफआईआर दर्ज होगा। आराधना ने बताया कि वह दो दिन से महिला थाना का चक्कर लगा रही है। दोपहर 3 बजे तक जब मैडम की आने की कोई सूचना नहीं मिली तो आराधना ने फिर पूछा तो जवाब मिला कि इंतजार करो। वे बहुत परेशान रहीं, क्योंकि वे अपने पति के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए आईं थी, जिससे गोवा में रह रहे उनके पति के खिलाफ पुलिस कार्रवाई जल्द हो सके।

रात को तू दारु पीया था क्या, जो चोर घुसा और ले गया और तुझे पता भी नहीं चला

 

टीटी नगर थाना - समय दोपहर 12 बजकर 58 मिनिट। स्थान-टीटी नगर थाने का रिपोर्टिंग कक्ष। सुनहरी बाग निवासी दीनदयाल रैकवार अपनी गाड़ी चोरी होने की शिकायत देकर आता है। कुछ देर इंतजार के बाद रिपोर्टिंग कक्ष में हवालदार सूर्यमणि द्विवेदी आते है। फरियादी दीनदयान अपने कागजात दिखाते हुए कहा कि मेरी गाड़ी घर से चोरी हो गई है साहब। मेरी गाड़ी घर के अंदर ही खड़ी थी साथ ही गेट पर कुण्डी लगाई थी।

इतना सुनते ही टीटी नगर थाने में पदस्थ हवलदार द्विवेदी ने अचानक चिल्लाते हुए कहा कि रात को तू दारु पीया था क्या, जो चोर घुसा और ले गया और तुझे पता भी नहीं चला। ताला गलाकर रखता नहीं है पुलिस स्टेशन पर आकर कहता है चोरी हो गई। इतने में फरीयादी के साथ आए तीन लोग रिपोर्टिंग कक्ष में आ जाते है। हवलादार सुर्यमणि ने फिर कहा कि तीन-तीन चार-चार को लेकर क्यों आया है यहां। तमाशा हो रहा है क्या। अब इनकी गाड़ी की खोज में लगें बस यही काम तो बचा है हमारे पास। सम्हाल नहीं सकता तो तूने खरीदी क्यों।

अभी जाओ घर..जब कुछ हो जाए तो डायल 100 पर फोन करना

हबीबगंज थाना - समय दोपहर 03 बजकर 10 मिनिट। स्थान- हबीबगंज थाना। थाने के बाहर अधिकारियों का जमावड़ा। और अंदर दो अधिकारी मेज पर अपना काम कर रहे हैं। एक महिला अपने पति के साथ भागते हुए सीधे थाने के अंदर उस स्थान पर पहुंची जहां शिकायत दर्ज कराई जाती है। वहीं बैठे एसआई एपी यादव ने महिला की हड़बड़ी के बारे में पूछा। महिला ने बताया कि उसका बड़ा बेटा धर्मेंद्र ही अकसर अपने ही मेरे और अपने पिता के साथ मारपीट करता है। साब आप कुछ करिए, वो जो ही शराब पीकर हंगामा करता है। उसे रोको तो अपना ही हाथ काटता तो कभी सिर फोड़ लेता है। इतना सुनते ही एसआई यादव ने कहा कि तुम मेरे पास क्यों आई? हम उसे उठा के ले आए और वो थाने में ही अपना सिर फोड़ ले..हाथ काट ले...चाकू मार ले तो हम क्या करेंगे। तुम लोगों को अपना-अपना दिखता है। जाओ डायल 100 पर कॉल करो। कैसे पाला है तुमने अपने लड़के को? फरियादी ने फिर गुहार लगाई तो जबाव मिला अभी जाओ घर।

पुलिस को अपने व्यवहार में बर्ताव में सुधार लाना चाहिए। सही भाषा में बात ही नहीं करते इसी कारण आमजनता में पुलिस शब्द का खौफ़ रहता है। हम थाने में जाने भी डरते हैं। 

 

अमित अवस्थी, छात्र।

पुलिस को मित्रता के भाव से काम करना चाहिए। थाने में जाना किसी को पसंद नहीं है। मजबूरी में ही थाने जाते है। जबावदारी सरकार ने आपको दी है तो सही तरीके से ही निभाना चाहिए। रंजना राजपूजत, स्थानीय निवासी।

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