Thursday, 22nd May 2025

निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण का कानून तैयार, कैबिनेट में जाएगा प्रारूप

Sat, Nov 4, 2017 4:44 PM

भोपाल। निजी स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे अभिभावकों के लिए राहत देने वाली खबर है। राज्य शासन ने निजी स्कूलों की फीस और अभिभावकों पर डाले जाने वाले अन्य खर्चों के नियंत्रण के कानून के प्रारूप को अंतिम रूप दे दिया है। इसमें शासन को ढाई साल लग गए। विधानसभा के श्ाीतकालीन सत्र में इस कानून के पारित होने की उम्मीद है। स्कूल शिक्षा विभाग प्रारूप को स्वीकृति के लिए कैबिनेट को भेज रहा है।

सूत्र बताते हैं कि 'मप्र निजी विद्यालय (फीस में अनियमित वृद्धि तथा अन्य अनुषांगिक विषयों का नियंत्रण) अधिनियम" के नाम से लाए जा रहे इस कानून में निजी स्कूलों की फीसवृद्धि पर नियंत्रण का प्रावधान है। हालांकि स्कूल शुरू करते समय अलग-अलग कक्षाओं की फीस तय करने का अधिकार स्कूलों को ही दिया गया है।

कानून का अंतिम प्रारूप विधि विभाग की सहमति के साथ लौट आया है और इसे स्वीकृति के लिए अगले हफ्ते कैबिनेट को भेजा जा रहा है। कैबिनेट की सहमति मिलते ही कानून का प्रारूप विधानसभा के पटल पर रख दिया जाएगा।

कानून बनाने में लग गए ढाई साल

हाईकोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने मई 2015 में निजी स्कूलों पर नियंत्रण के लिए कानून बनाना शुरू किया था। इसका प्रारूप चार बार वरिष्ठ सदस्य सचिव समिति के सामने रखा गया। पिछले महीने समिति की चौथी बैठक में इसे स्वीकृति मिली। इसके बाद कानूनी परीक्षण के लिए प्रारूप विधि विभाग को भेजा गया था। जहां से दो दिन पहले स्कूल शिक्षा विभाग के पास लौट आया है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2008 में ये कानून बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग के सभी मंत्री इसको लेकर बार-बार घोषणाएं करते रहे हैं। विभाग के वर्तमान मंत्री विजय शाह भी पिछले साल विधानसभा के मानसून और फिर शीतकालीन सत्र में कानून पास कराने की घोषणाएं कर चुके हैं।

अगले शैक्षणिक सत्र से होगा लागू

कानून विधानसभा से पारित होने के बाद अगले शैक्षणिक सत्र (2018-19) से लागू होगा। जानकार बताते हैं कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र आधा निकल गया है। वहीं निजी स्कूल सालभर की फीस ले चुके हैं। अब वर्तमान सत्र से कानून लागू करने के कोई फायदे नहीं होंगे। इसलिए नए सत्र से ही लागू किया जाएगा।

वहीं शिक्षाविद् कहते हैं कि दिसंबर 2017 तक कानून पारित हो और तत्काल लागू हो, तभी अगले शैक्षणिक सत्र के बच्चों को फायदा होगा। क्योंकि निजी स्कूल प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं और कानून आने की संभावना के चलते फीस में वृद्धि का निर्णय भी जल्द लेंगे।

इनका कहना है

कानून का प्रारूप तैयार हो चुका है। हम अगले हफ्ते इसे कैबिनेट को भेज रहे हैं। 

दीप्ति गौड़ मुकर्जी, प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग

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