नई दिल्ली/ अहमदाबाद. दलित अधिकार मंच के नेता जिग्नेश मेवाणी ने शुक्रवार को राहुल गांधी से मुलाकात की। बाद में मीडिया से बातचीत में जिग्नेश ने कहा, "हम बीजेपी का अहंकार तोड़ेंगे, यह पार्टी जनविरोधी काम करती हैं।" जिग्नेश ने यह भी कहा, "राहुल जी हमारी 90% मांगों से सहमत हैं।" बता दें कि गुजरात में विधानसभा चुनाव के तहत दो फेज में- 9 दिसंबर और 14 दिसंबर को वोटिंग होनी है। नतीजे 18 दिसंबर को सामने आएंगे। चुनाव के मद्देनजर राज्य में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। राहुल ने हमारी मांगों को मेनिफेस्टो में शामिल करने का भरोसा दिया है...
- जिग्नेश और राहुल की मुलाकात नवसारी में हुई। जिग्नेश ने कहा, "राहुल जी से हमारी 17 मांगों पर चर्चा हुई, उन्होंने हमारी मांगों को मेनिफेस्टो में शामिल करने का भरोसा दिया है।" दलित नेता ने यह भी कहा कि बीजेपी हमारी नहीं सुनती है। बीजेपी और राहुल गांधी की सोच अलग है।
- बता दें कि जिग्नेश ने अन्य दलित नेताओं के साथ हाल ही में कांग्रेस के सीनियर लीडर और गुजरात के पार्टी प्रभारी अशोक गहलोत से मुलाकात की थी और उन्हें अपनी मांगों का एक सेट सौंपा था।
- राहुल से मुलाकात से पहले जिग्नेश ने बीजेपी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि गुजरात की जनता बीजेपी से छुटकारा चाहती है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस उनकी मांगें मान लेती है, तो वे बाहर से समर्थन देने को तैयार हो सकते हैं।
बीजेपी दलित समाज के सवालों पर बात करने को तैयार नहीं
- इससे पहले मंगलवार को जिग्नेश की राहुल से मुलाकात करने की खबर आई थी। हालांकि बाद में जिग्नेश मेवाणी ने ट्वीट कर राहुल से मुलाकात की खबरों को खारिज किया था। उन्होंने ट्वीट में कहा था, "मिलेंगे तो खुलकर मिलेंगे।" जिग्नेश ने यह भी लिखा था, "हम राहुल गांधी या किसी भी नेता से मिलेंगे तो अपने निजी फायदे के लिए नहीं बल्कि दलित समाज के जिन सवालों को लेकर गुजरात की बीजेपी सरकार बात करने को तैयार नहीं है, उन सवालों पर कांग्रेस का पक्ष जानेंगे।"
किसी पार्टी से नहीं जुड़ूंगा
- जिग्नेश मेवाणी ने गुरुवार को कहा था कि वे कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल से न तो जुड़े हैं और ना जुड़ेंगे। बीजेपी सरकार को घमंडी बताते हुए मेवाणी ने कहा कि बीजेपी सरकार को 22 साल से देख रहा हूं, वह घमंडी है पर अगर दलितों के बारे में कांग्रेस अपने विचार रखे, तो मैं राहुल से मिल सकता हूं। कांग्रेस अगर प्रदेश में 47 लाख दलितों के वोट चाहती है तो उसे उनसे जुड़े मुद्दों पर रुख साफ करना होगा।
- दलित नेता ने कहा, "मैं पाटीदारों के साथ रहा, पर दलितों को वहां भी महत्व नहीं मिला। उनके सामने दलित वोटों का कोई महत्व ही नहीं था। हमने आंदोलन चलाए, मांगें की, पर आज तक कोई चर्चा या विमर्श नहीं हुआ। ऐसा लगता है कि सरकार दलित विरोधी है।"
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